Nvidia और Reliance के बीच हुआ समझौता, भारत में मिलकर बनाएंगे AI इंफ्रास्ट्रक्चर

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Nvidia-Reliance Agreement : कृत्रिम मेधा (AI) चिप की प्रमुख वैश्विक कंपनी एनवीडिया कॉर्प के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) जेन्सेन हुआंग ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी कंपनी ने भारत में एआई कम्प्यूटिंग अवसंरचना और एक नवाचार केंद्र बनाने के लिए मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ एक समझौता किया है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज का नया प्रमुख डेटा सेंटर नवीनतम एनवीडिया ब्लैकवेल एआई चिप का उपयोग करेगा। एनवीडिया की भारत में छह स्थानों पर पहले से ही मौजूदगी है। अमेरिकी कंपनी अपने त्वरित कम्प्यूटिंग स्टैक द्वारा संचालित एआई अवसंरचना बनाने के लिए उद्यमों, क्लाउड प्रदाताओं और स्टार्टअप इकाइयों के साथ काम करती है, जिसमें इसके हजारों उन्नत जीपीयू (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट), उच्च प्रदर्शन नेटवर्किंग और एआई सॉफ्टवेयर मंच और उपकरण शामिल हैं।

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यहां एनवीडिया एआई शिखर सम्मेलन-2024 में अंबानी और हुआंग ने एआई में भारत की बदलावकारी क्षमता और इस क्षेत्र में वैश्विक अगुवा के रूप में इसकी उभरती भूमिका पर चर्चा की। रिलायंस और एनवीडिया के बीच साझेदारी का उद्देश्य देश में एक मजबूत एआई बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है। अंबानी का मानना है कि इससे न केवल स्थानीय क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि भारत वैश्विक आसूचना बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित होगा।

मुकेश अंबानी ने कहा, भारत एनवीडिया के सर्वश्रेष्ठ उत्पाद के साथ शुरुआत करेगा। हुआंग ने कहा कि इस साझेदारी में ऐसे एप्लिकेशन भी बनाए जाएंगे जिन्हें रिलायंस भारत में अपने उपभोक्ताओं को प्रदान कर सकती है। इस गठजोड़ के तहत हम एक नवाचार केंद्र भी खोलेंगे। उन्होंने बनाए जाने वाले बुनियादी ढांचे के आकार का कोई अनुमान नहीं लगाया।

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हुआंग ने कहा, चिप डिजाइन करने में भारत पहले से ही विश्वस्तरीय है। एनवीडिया की डिजाइनिंग यहां बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे में की जाती है। एनवीडिया का एक-तिहाई हिस्सा भारतीय है, हो सकता है कि इससे भी ज्यादा हो। अंबानी ने अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा कि भारत एक नए आसूचना युग की दहलीज पर है और आने वाले वर्षों में इस प्रौद्योगिकी में अपनी उपलब्धियों से दुनिया को आश्चर्यचकित करेगा।

उन्होंने कहा कि एआई जैसी नई प्रौद्योगिकियां और लोगों की आकांक्षाएं भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा रही हैं। अंबानी ने कहा, भारत दुनिया को न केवल सीईओ देगा, बल्कि एआई सेवाएं भी देगा। अंबानी ने भारत में अपना खुद का मॉडल विकसित करने से पहले प्रौद्योगिकी कंपनी मेटा के ओपन सोर्स ‘लामा’ को आधार मॉडल के रूप में इस्तेमाल करने की वकालत की।

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अंबानी ने कहा कि भारत एनवीडिया के पास मौजूद ‘सर्वोत्तम’ प्रौद्योगिकी से शुरुआत करेगा। उन्होंने कहा कि आरआईएल जामनगर में एक गीगावाट क्षमता स्थापित कर रही है जिसे बढ़ाया भी जा सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के अलावा, भारत में 4जी, 5जी और ब्रॉडबैंड सेवाओं के व्यापक नेटवर्क के साथ सबसे अच्छी डिजिटल संपर्क अवसंरचना है।

उन्होंने कहा कि रिलायंस जियो विश्व स्तर पर सबसे बड़ी डेटा कंपनी है। उन्होंने बताया कि यह 15 सेंट प्रति जीबी की कम लागत पर डेटा प्रदान करती है, जबकि अमेरिका में यह पांच डॉलर प्रति जीबी है। उन्होंने कहा, जैसा कि हमने डेटा के साथ किया, कुछ वर्षों में हम दुनिया को आश्चर्यचकित कर सकते हैं कि भारतीय आसूचना क्षेत्र में क्या हासिल कर सकते हैं।

इस बीच, विश्व की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी के सीईओ हुआंग ने लंबे समय से सॉफ्टवेयर सेवाओं के विकास में एक महाशक्ति रहे भारत को सुझाव दिया कि वह अपनी आसूचना क्षेत्र की ताकत का इस्तेमाल कर खुद को एआई निर्यातक में बदल ले।

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उन्होंने कहा, आपके देश में कच्चे डेटा को इकट्ठा करने, उसे आसूचना जानकारी में बदलने के लिए महत्वपूर्ण तत्व मौजूद हैं। आप इसे एक मॉडल में कोड कर सकते हैं और अपनी खुद की डिजिटल आसूचना बना सकते हैं और उसे निर्यात कर सकते हैं। हुआंग को भविष्य को देखने और अपनी कंपनी को एआई क्रांति का लाभ उठाने के लिए बदलने का श्रेय दिया जाता है।

उन्होंने भारत की क्षमताओं को देखते हुए इस दिशा में तत्काल कदम उठाने पर जोर दिया और कहा कि वह भारत को ‘बड़े पैमाने पर एआई’ का निर्माण करते हुए देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकते। उन्होंने भारतीय कंपनियों को चिप विनिर्माण पर एआई को प्राथमिकता देने की सलाह दी, जिसमें हाल ही में घोषित निवेश के साथ कुछ गतिविधियां देखने को मिली हैं। (भाषा)

Edited By : Chetan Gour