जय राम वीर, हनुमत प्रवीर

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जय राम वीर: Ram devotee Hanuman

(मधुभार छंद)

जय राम वीर, हनुमत प्रवीर।

रण रंग धीर, सब हरो पीर।

जय रूद्र अंश, जय पवन वंश।

जय शत्रु दंश, रघुवर प्रसंश।

जय राम दूत, अक्षय प्रसूत।

जय रौद्र रूप, हनुमत अनूप।

जय सीय त्राण, जय राम वाण।

जय राम प्राण, आगम पुराण।

जय मुक्ति चित्र, जय भक्त मित्र।

संयम चरित्र, हे विधि विचित्र।

हे सुख सुवास, श्री राम वास।

शुभ भक्ति रास, हे राम दास।

हे सौम्य शील, साधु सुशील।

हे दुष्ट कील, वाणी रसील।

हे सूर्य शिष्य, पावन भविष्य।

हे भजन तिष्य, राघव रुचिष्य।

हे अप्रमेय, हे सारमेय।

अनुपम अगेय, हनुमत अजेय।

हे ज्ञान अग्र, हे राम व्यग्र।

हे सत प्रत्यग्र, स्वस्ति समग्र।

हे गुण निधान, रघुवर प्रधान।

सब दुख निदान, प्रभु राम मान।

हे धीर बुद्धि, हे अष्ट सिद्धि।

हे ज्ञान वृद्धि, पावन प्रसिद्धि।

हे मोक्ष द्वार, हे राम सार।

मुक्ति प्रसार, हे जीव तार।

हे करुणा निकुंज, हरो पाप पुञ्ज।

भय ताप भंज, जय सुख प्रपुंज।

राम भक्ति सुखदायनी, हरे पाप का भार।

हनुमत की जब हो कृपा, मनुज करे भव पार।

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