WGC की तिमाही रिपोर्ट में खुलासा, भारत में सोने की मांग 18 प्रतिशत बढ़कर हुई 248.3 टन

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India's gold demand : भारत की सोने (gold) की मांग इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में 18 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 248.3 टन रही। सोने के आयात शुल्क में कमी के परिणामस्वरूप आभूषण की मांग में सुधार हुआ है। विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) ने बुधवार को तीसरी तिमाही 2024 स्वर्ण मांग प्रवृत्ति रिपोर्ट पेश की। पिछले वर्ष की इसी तिमाही में सोने की कुल मांग 210.2 टन थी।

सोने की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर :

रिपोर्ट के अनुसार सोने की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं इसलिए निवेशकों में कीमतों में गिरावट का इंतजार करने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है। पूरे साल सोने की मांग 700-750 टन के दायरे में रहने की संभावना है, जो पिछले साल से थोड़ी कम है। धनतेरस और शादियों के मद्देनजर सोने की कुल मांग बढ़ने की संभावना भी है।ALSO READ:

सोने की मांग 2023 में 761 टन रही : भारत की सोने की मांग 2023 में 761 टन रही थी। आभूषण विक्रेताओं तथा खुदरा विक्रेताओं की ओर से धनतेरस की भारी मांग के बीच मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 300 रुपए बढ़कर 81,400 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई, जो अब तक का रिकॉर्ड उच्च स्तर है। मूल्य के लिहाज से इस कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही में सोने की मांग 53 प्रतिशत बढ़कर 1,65,380 करोड़ रुपए हो गई, जबकि 2023 की इसी अवधि में यह 1,07,700 करोड़ रुपए थी।

डब्ल्यूजीसी के क्षेत्रीय मुख्य कार्यकारी अधिकारी (भारत) सचिन जैन ने कहा कि 2024 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारत की सोने की मांग सालाना आधार पर 18 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 248.3 टन रही। जुलाई में सोने के आयात शुल्क में भारी कटौती से आभूषणों की मांग में सुधार हुआ। यह सोने के लिए 2015 के बाद से सबसे मजबूत तीसरी तिमाही रही। मांग 2023 की तीसरी तिमाही में 155.7 टन की तुलना में 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 171.6 टन हो गई, वहीं जुलाई-सितंबर 2024 में वैश्विक स्तर पर सोने की मांग 5 प्रतिशत बढ़कर 1,313 टन हो गई, जो किसी भी तीसरी तिमाही में सर्वाधिक है।ALSO READ:

डब्ल्यूजीसी की 2024 की तीसरी तिमाही की स्वर्ण मांग प्रवृत्ति रिपोर्ट के अनुसार 1 वर्ष पहले इसी अवधि में वैश्विक मांग 1,249.6 टन थी। डब्ल्यूजीसी की वरिष्ठ बाजार विश्लेषक लुईस स्ट्रीट ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में निवेश और 'ओवर-द-काउंटर' गतिविधि में वृद्धि देखी गई जिससे वैश्विक स्तर पर सोने की मांग बढ़ी और कीमतों में भी सुधार हुआ। हालांकि सोने की ऊंची कीमत ने अधिकतर उपभोक्ता बाजारों में मांग को कम कर दिया लेकिन भारत में आयात शुल्क में कटौती से रिकॉर्डतोड़ कीमतों के माहौल के बीच आभूषण और बार व सिक्कों की मांग उल्लेखनीय रूप से बढ़ी।(भाषा)

Edited by: Ravindra Gupta