केतु के सिंह राशि में गोचर से 3 राशियों की किस्मत का झंडा लहराएगा

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ketu gochar 2025: केतु ग्रह ने 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 02 बजकर 13 मिनट पर तुला राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर किया और इस राशि में में वह 18 मई 2025 को शाम 05 बजकर 08 मिनट तक रहेंगे। इसके बाद केतु ग्रह 18 माह के लिए सिंह राशि में गोचर करेगा। केतु को मंदिर का ध्वज, कुली, मजदूर, द्विरंगा पत्थर, कोने का मकान, कंबल, दूम, इमली का दरख्त, तिल के पौधे और केला माना गया है। इसमें सबसे खास मंदिर का ध्वज है। यदि केतु अच्छा है तो जातक हर क्षेत्र में अपने झंडे गाड़ता जाएगा। उसकी किस्मत और विजय का ध्वज लहराता रहेगा। केतु जब सिंह राशि में जाएगा तो 4 राशियों की बंद किस्मत का ताला खोल देगा। ALSO READ:

1. मिथुन राशिफल: आपकी राशि के तीसरे भाव में केतु का गोचर आपके साहस, आत्मविश्वास और पराक्रम को बढ़ाएगा। यदि आपके अपने कार्यक्षेत्र में कड़ी मेहनत की है तो उसका फल आपको अवश्य मिलेगा। धर्म कर्म के कार्यों में आपकी रचि बढ़ जाएगी। आप अपने मित्र, भाई बहन या रिश्तेदारों के साथ धार्मिक यात्रा पर जाएंगे। नौकरी में प्रमोशन और व्यापार में उन्नति होगी।

2. तुला राशिफल: आपकी राशि के एकादश भाव में केतु का गोचर लाभदायक साबित होगा। इसके चलते नौकरी में वेतनवृद्धि होगी और कारोबारी हैं तो आपकी आमदानी में बढ़ोतरी होगी। आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होगी। कार्यक्षेत्र में आपको सफलता मिलेगी। हालांकि रिश्तों को लेकर आप थोड़ा सतर्कतासे व्यवहार करें। आपकी बातों से किसी को ठेस न पहुंचे इसका ध्यान रखें। आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। सेहत का ध्यान रखना होगा।ALSO READ:

3. धनु राशिफल: आपकी राशि के नवम भाव में केतु का गोचर भाग्य को बढ़ावा देने के साथ ही धार्मिक स्थलों की यात्रा भी कराएगा। यह धर्म कर्म के कार्यों, योग और ध्यान में भी रुचि बढ़ाएगा। घर परिवार के साथ आपका समय खुशियों भरा रहेगा। कार्यक्षेत्र में अचानक से कोई सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं। आमदानी में बढ़ोतरी होगी। घर के बुजुर्गों और ऑफिस के वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा।ALSO READ:

केतु से बचने के सरल उपाय:-

* उत्तम चरित्र रखें।

* गणेश जी की आराधना करें।

* गणेश चतुर्थी का व्रत करें।

* तिल, नींबू एवं केले का दान करें।

* दोरंगी कुत्ते को रोटी खिलाएं।

* चरित्र ठीक रखें और पाप कर्मों से बचें।

* चांदी के गिलास में पानी पीएं।

* बच्चों और संतानों से संबंध अच्छे रखें।

* कान छिदवाएं।

* मंदिर में ध्वज लगाएं।