बीजेपी इस बात के लिए प्रतिबद्ध कि हमें हर हिंदू की रक्षा करनी है : योगी

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लखनऊ में बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक विशेष अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य समाज के हर वर्ग तक बाबा साहब के विचारों और पिछले एक दशक में दलितों, वंचितों और महिलाओं के लिए किए गए कार्यों को पहुंचाना है। आइए, इस अभियान और इसके महत्व को विस्तार से समझते हैं।

बाबा साहब के सपनों को साकार करने की पहल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित एक कार्यशाला में कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने देश के लिए जो सपने देखे, उन्हें साकार करने का काम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारें कर रही हैं। 15 से 25 अप्रैल तक चलने वाला यह अभियान लोगों को बताएगा कि कैसे पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं के लिए योजनाएं लागू की गईं। यह अभियान उन बाधाओं को भी उजागर करेगा, जिन्होंने बाबा साहब के आदर्शों को लागू करने में रुकावट डाली।

पिछले दशक की उपलब्धियां

मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों ने बिना भेदभाव के गरीबों और वंचितों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया है। आवास, राशन, पेंशन, छात्रवृत्ति और स्वास्थ्य सुविधाएं अब उन लोगों तक पहुंच रही हैं, जो आजादी के 70 साल बाद भी इनसे वंचित थे। योगी ने जोर दिया कि इस अभियान के जरिए जनता को यह समझाने की कोशिश होगी कि किन कारणों से उन्हें पहले ये सुविधाएं नहीं मिल पाईं और अब कैसे बदलाव आया है।

बाबा साहब का सम्मान

योगी ने कहा कि बाबा साहब के योगदान को सही मायनों में सम्मान देने का काम भाजपा सरकार ने किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा साहब से जुड़े पांच स्थानों—महू, लंदन, नागपुर, दिल्ली और मुंबई—को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया। लखनऊ में भी बाबा साहब के नाम पर स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र बनाया जा रहा है, जहां उनके दर्शन पर शोध को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने 2020 में उनकी जयंती को राजकीय अवकाश घोषित किया और हर कार्यालय में उनके आदर्शों पर चर्चा की व्यवस्था की।

स्वच्छता और श्रद्धांजलि के कार्यक्रम

इस अभियान के तहत बाबा साहब की प्रतिमाओं और उनके नाम पर बने पार्कों में स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 14 अप्रैल, 2025 को उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश रहेगा, और इस दिन पुष्पांजलि व चर्चा के आयोजन होंगे। योगी ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे बाबा साहब के मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाएं और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करें।

बाबा साहब के संघर्ष को याद करते हुए

मुख्यमंत्री ने बाबा साहब के जीवन के संघर्षों को याद किया। उन्होंने बताया कि आर्थिक तंगी और सामाजिक भेदभाव के बावजूद बाबा साहब ने उच्च शिक्षा हासिल की और भारत के संविधान को आकार दिया। योगी ने यह भी उजागर किया कि कुछ राजनीतिक दलों ने उन्हें अपमानित करने की कोशिश की, लेकिन उनकी विरासत आज भी प्रेरणा देती है। उन्होंने दलितों और वंचितों के हितों की रक्षा के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता दोहराई।