Chhath Nahay Khay Puja 2024: छठ पूजा नहाय खाय पूजा विधि, मुहूर्त, नियम और महत्व

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Nahay Khay Chhath Puja 2024: छठ पूजा लोक आस्था का सबसे बड़ा महापर्व है। ये पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है। छठ पूजा की शुरुआत नहाय- खाय के दिन से होती है और उषा अर्घ्य देने के बाद इस पर्व का समापन होता है। छठ पूजा का व्रत 36 घंटों तक निर्जला रखा जाता है। ये व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं। छठ का व्रत बिहार और यूपी में विशेषतौर पर मनाया जाता है। इस व्रत को करने से परिवार में सुख, समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं साल 2024 में छठ पूजा का नहाय- खाय कब किया जाएगा।




Nahay Khay Chhath Puja 2024 (नहाय- खाय छठ पूजा 2024)
कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन छठ पूजा का नहाय खाय किया जाता है। वहीं षष्ठी तिथि के दिन छठ पूजा का व्रत रखा जाता है। इस साल छठ पूजा का नहाय- खाय 5 नवंबर 2024 को किया जाएगा।

नहाय - खाय नियम (Nahay Khay Niyam)
  • छठ पूजा के नहाय - खाय दे दिन पूरे घर की अच्छे से साफ सफाई करें।
  • इस दिन का भोजन बनाने के लिए साफ चूल्हे का ही इस्तेमाल करें।
  • नहाय खाय के भोजन में सात्विक चीजों का ही प्रयोग करें लहसुन प्याज का प्रयोग ना करें।
  • नहाय खाय का भोजन बनाने से पहले सर धोकर स्नान करें।
  • नहाने के बाद ही भोजन पकाएं और व्रती महिलाएं साफ वस्त्र धारण करके भोजन करें।
  • इस दिन परिवार के सभी लोगों को सात्विक भोजन ही करना चाहिए।

  • नहाय - खाय में क्या- क्या खाना चाहिए
    छठ पूजा के नहाय- खाय के दिन खाने में कुछ खास चीजों का प्रयोग किया जाता है। इस दिन भोजन में चने का दाल, कद्दू की सब्जी या लौकी की सब्जी और भात जरूर इस्तेमाल करना चाहिए। इस दिन व्रती महिलाएं एक ही बार भोजन करती हैं और इसके अगले दिन व्रत रखकर शाम को खरना किया जाता है।


    नहाय - खाय महत्व (Nahay Khay Importance)
    छठ पूजा के व्रत में नहाय- खाय का खास महत्व है। इसी दिन छठ पूजा का आरंभ हो जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं तलाब या गंगाजल युक्त जल से सर धोकर नहाती हैं और उसके बाद ही भोजन पकाती हैं। इस दिन स्नान करने के बाद ही भोजन पकाना चाहिए और खाना चाहिए। इस दिन व्रत का खाना बनाने के लिए सेंधा नमक का ही प्रयोग करना चाहिए। छठ के नहाय- खाय के दिन एक समय ही भोजन किया जाता है, इसलिए इस दिन पूरे मन से और आराम से बैठकर भोजन करना चाहिए। नहाय- खाय के दिन का भोजन करने से व्रती के शरीर में सकारात्मक ऊर्जा भी आती है।