वीर हनुमान: माँ का प्रेम अग्नि परीक्षा में — क्या अंजनी देगी मारुति के लिए बलिदान?

मुंबई, अप्रैल 2025: सोनी सब का लोकप्रिय शो वीर हनुमान दर्शकों का दिल जीत रहा है, जिसमें बालक मारुति के अद्भुत रूपांतरण — एक जिज्ञासु बालक से दिव्य योद्धा हनुमान बनने की यात्रा — को भावनात्मक और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है। यह शो पौराणिकता, एक्शन और भावना को सुंदरता से एक सूत्र में पिरोता है, जो इस कालजयी कथा को एक नई ऊर्जा और रंगत देता है। आन तिवारी बाल मारुति की भूमिका में, आरव चौधरी केसरी के रूप में, सायली सालुंखे अंजनी की भूमिका में और माहिर पांधी बालि व सुग्रीव के दोहरे किरदार में दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। हाल ही के एपिसोड्स में दर्शकों ने देखा कि किस तरह बाली की मारुति की सिद्धियों के मार्ग को बाधित करने की योजना उल्टी पड़ जाती है — जब मारुति करुणा और विवेक का परिचय देते हुए हिंसा को अस्वीकार कर अपने पिता केसरी से कर्तव्य के बजाय सहानुभूति चुनने का आग्रह करता है।
आने वाले एपिसोड्स में मारुति की यात्रा और भी ख़तरनाक मोड़ लेती है जब बालि, कालदंत को आदेश देता है कि वह मारुति को अगवा करके पाताल लोक ले जाए। कालदंत एक रहस्यमयी ग्रंथ के रूप में छिपकर मारुति को धोखे से तलातल लोक में फंसा देता है। वहां मारुति अपनी अणिमा सिद्धि का प्रयोग करते हुए खुद को छोटा बनाकर कालदंत को भीतर से हराता है। लेकिन इस जीत की बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है — मारुति अपने असली रूप में वापस नहीं आ सकता। बदले की भावना से ग्रसित कालदंत, पातालकाली से शक्तियाँ प्राप्त कर, मारुति को शाप देता है कि वह तभी अपने वास्तविक रूप में लौट सकेगा जब उसकी माता अंजनी अपने प्राणों की आहुति दें।
अब प्रश्न यह है — क्या अंजनी अपने पुत्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देंगी या मारुति अपनी माँ के प्राणों की रक्षा के लिए सदैव बाल रूप में ही रहने का निर्णय लेंगे?
अंजनी की भूमिका निभा रही सायली सालुंखे ने कहा, “एक कलाकार के रूप में हर किरदार मुझे परदे से परे कुछ सिखाता है, और अंजनी की भूमिका निभाना मेरे लिए बेहद खास रहा है। एक माँ के रूप में उनका प्रेम और त्याग अत्यंत मार्मिक है। जब मैंने वह दृश्य निभाया, जिसमें अंजनी को पता चलता है कि मारुति अपने असली रूप में तभी लौट सकता है जब वह अपना जीवन त्याग दे — वह पल मेरे लिए बेहद भावनात्मक था। मुझे मेरी अपनी माँ की याद आ गई और उनका निःस्वार्थ समर्थन, जो उन्होंने हर उतार-चढ़ाव में मुझे दिया है। वह निजी अनुभव इस दृश्य को मेरे लिए और भी सजीव बना गया। अंजनी और मारुति के बीच का यह पवित्र बंधन दर्शकों तक पहुंचे, यही मेरी कामना है।”
वीर हनुमान देखना न भूलें — हर सोमवार से शनिवार, शाम 7:30 बजे, केवल सोनी सब पर।
The post appeared first on .