तेल-साबुन बनाने वाली कंपनी का बड़ा फैसला, आइसक्रीम बिजनेस को अलग करेगी कंपनी
नई दिल्ली : रोजमर्रा की जरूरतों का सामान बेचने वाली कंपनी HUL ने अपने तिमाही नतीजे पेश किये हैं. FMCG की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड का चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 2.33 प्रतिशत घटकर 2,595 करोड़ रुपये रहा है. तिमाही नतीजे पेश करने के बाद कंपनी ने बड़ा फैसला लिया है. कंपनी अपने आइसक्रीम बिजनेस को अलग करने का प्लान बना रही है.
दिग्गज एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड ने अपने आइसक्रीम कारोबार को अलग करने की बुधवार को घोषणा करते हुए कहा कि इस पर निष्पक्ष विचार के लिए स्वतंत्र मूल्यांकन किया गया है. एचयूएल के आइसक्रीम कारोबार में क्वालिटी वॉल्स, कॉर्नेटो और मैग्नम जैसे ब्रांड शामिल हैं. एचयूएल के निदेशक मंडल की बुधवार को हुई बैठक में आइसक्रीम कारोबार को अलग करने का फैसला किया गया. यह कदम एक स्वतंत्र समिति की सिफारिश पर आधारित है जिसका गठन इस साल सितंबर में किया गया था.
इस समिति ने कहा है कि कंपनी के कारोबार में तीन प्रतिशत का योगदान देने वाले आइसक्रीम कारोबार का एक अलग परिचालन मॉडल है जो कंपनी के अन्य व्यवसायों के साथ तालमेल को सीमित करता है. इस मॉडल में शीत भंडारण संरचना और एक अलग चैनल परिदृश्य शामिल है. कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी रितेश तिवारी ने तिमाही नतीजों की घोषणा के दौरान कहा कि एचयूएल ने आइसक्रीम कारोबार का स्वतंत्र रूप से मूल्यांकन किया है. हालांकि, उन्होंने इससे जुड़ा विवरण साझा नहीं किया. उन्होंने कहा कि आइसक्रीम कारोबार को प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के जरिये अलग किया जाएगा. इससे कंपनी को अपने मुख्य व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करने और सौंदर्य, खाद्य पदार्थ, स्वास्थ्य एवं तंदरुस्ती जैसे खंडों में खुद को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
दैनिक उपभोग का सामान बनाने वाली दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड का चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 2.33 प्रतिशत घटकर 2,595 करोड़ रुपये रहा है. एचयूएल ने बुधवार को शेयर बाजारों को जुलाई-सितंबर, 2024 तिमाही के वित्तीय नतीजों की सूचना देते हुए कहा कि शहरी बाजार से मांग कम होने का उसके प्रदर्शन पर असर पड़ा है.
एक साल पहले की समान तिमाही में उसने 2,657 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. हालांकि, आलोच्य अवधि में उत्पादों की बिक्री से प्राप्त राजस्व 2.36 प्रतिशत बढ़कर 15,703 करोड़ रुपये हो गया. एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी का बिक्री राजस्व 15,340 करोड़ रुपये रहा था. एचयूएल के पास सर्फ, रिन, लक्स, पॉन्ड्स, लाइफबॉय, लक्मे, ब्रुक बॉन्ड, लिप्टन और हॉर्लिक्स जैसे लोकप्रिय ब्रांड हैं. एचयूएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक रोहित जावा ने कहा, सितंबर तिमाही में शहरी बाजारों में एफएमसीजी की मांग में मामूली वृद्धि देखी गई, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में क्रमिक सुधार जारी रहा. इस संदर्भ में हमने प्रतिस्पर्धी और लाभदायक प्रदर्शन किया.
सितंबर तिमाही में कंपनी का कुल व्यय 12,581 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 3.03 प्रतिशत अधिक है. इस दौरान एचयूएल की कुल आय एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 2.14 प्रतिशत बढ़कर 16,145 करोड़ रुपये हो गई. एचयूएल के मुख्य वित्त अधिकारी रितेश तिवारी ने तिमाही नतीजों पर कहा, हमारा दो-तिहाई कारोबार शहरी क्षेत्र में है जबकि एक-तिहाई कारोबार ग्रामीण क्षेत्रों में है. शहरी बाजार में हमारी वृद्धि नरम पड़ी है. जहां तक ग्रामीण बाजार का सवाल है तो मुद्रास्फीति की वजह से खर्च-योग्य आमदनी घटी है. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में मांग के रुझान स्थिर रहने और वृद्धि की रफ्तार कायम रहने की उम्मीद है.
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