अंसल के फर्जीवाड़ों की जांच के लिए शासन ने बनाई जांच कमेटी, 15 दिन में देनी होगी रिपोर्ट; ये होंगे शामिल

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सुल्तानपुर रोड पर अंसल एपीआई कंपनी द्वारा विकसित की जा रही टाउनशिप में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण समेत तमाम फर्जीवाड़े की जांच के लिए शासन ने मंडलायुक्त की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी गठित की है। समिति को अगले 15 दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी।

आपको बता दें कि इस संबंध में गृह एवं नगरीय नियोजन विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश के अनुसार, जांच समिति को कई मुद्दों की जांच करनी है, जिसमें विकास कार्यों की स्थिति का पता लगाना और स्वामित्व हासिल किए बिना ग्राम सभा, चक मार्ग, सरकारी भूमि आदि पर कब्जे करना और इन जमीनों की जवाबदेही पर रिपोर्ट तैयार करना शामिल है। इसके अलावा, इसमें प्राधिकरण के नाम पर गिरवी रखी गई भूमि की बिक्री की स्थिति और भूखंड की साइट रिपोर्ट की जांच और मूल्यांकन, स्वीकृत टाउनशिप में शेष विकास कार्यों को पूरा करने की लागत का आकलन, योजना के तहत स्वामित्व प्राप्त किए बिना सरकारी भूमि के आवंटन की स्थिति और सभी आवंटियों का विवरण एकत्र करना भी शामिल है।

इसके साथ ही समिति योजना के तहत आने वाले कंसोर्टियम सदस्यों की भूमि की खरीद-बिक्री से संबंधित ब्यौरा भी एकत्र करेगी। आपको बता दें कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के अनुरोध पर मेसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रा द्वारा विकसित की जा रही टाउनशिप परियोजना के संबंध में शासनादेशों एवं न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों के आलोक में जांच कराई जाएगी।

उन्हें समिति में शामिल किया गया।
मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी में डीएम लखनऊ और आईजी स्टांप या उनके द्वारा नामित वरिष्ठ अधिकारी को सदस्य बनाया गया है। इसके अलावा लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को सदस्य समन्वयक बनाया गया है। नगर आयुक्त, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक तथा आवास बंधु के निदेशक एवं सलाहकार को सदस्य बनाया गया है।