आखिर क्यों राहुल गांधी के हाथ में थी जो 'लाल किताब', उस पर छिड़ा संग्राम, जानें क्या है पूरा मामला ?

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महाराष्ट्र न्यूज डेस्क !!! कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार शुरू किया. नागपुर में उन्होंने संविधान बचाने के लिए एक सम्मेलन किया. संविधान की लाल किताब को लेकर खूब हंगामा हुआ लेकिन अब बीजेपी ने इस किताब को लेकर बड़ा दावा किया है. बीजेपी ने ट्वीट कर दावा किया है कि ये वीडियो नागपुर के संविधान बचाओ सम्मेलन का है और राहुल गांधी जो संविधान की लाल किताब लेकर आए थे वो पूरी तरह से खाली थी यानी किताब के अंदर कुछ भी नहीं लिखा था. बीजेपी ने इस कोरी संविधान पुस्तक को बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान का अपमान बताया है. बीजेपी ने कहा कि एक तरफ राहुल गांधी संविधान बचाने की बात करते हैं. दूसरी ओर संविधान की कोरी किताब लेकर घूमते हैं और आरक्षण खत्म करने की बात करते हैं.

राहुल अपना नैरेटिव लेकर महाराष्ट्र के मैदान में उतरे

आपको बता दें कि राहुल गांधी अपने अलग नैरेटिव के साथ महाराष्ट्र के मैदान में उतरे हैं. राहुल लोकसभा चुनाव का ही नैरेटिव विधानसभा चुनाव में चलाना चाहते हैं, इसीलिए उन्होंने महाराष्ट्र में अपना प्रचार अभियान नागपुर से शुरू किया है. वह दीक्षाभूमि पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे जहां बाबासाहेब अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म अपनाया था। राहुल गांधी ने यहां अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद वह संवैधानिक सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे. राहुल ने लोकसभा चुनाव में 'संविधान खतरे में है' का नैरेटिव सेट किया था, जिससे इंडी अलायंस को चुनावी फायदा मिला। आज भी राहुल गांधी ने संविधान के मुद्दे पर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर सीधा हमला बोला है.

"संविधान एक किताब नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है"

उन्होंने कहा कि डाॅ. बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा बनाया गया संविधान सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। विपक्ष के नेता ने कहा कि जब आरएसएस और भाजपा के लोगों ने संविधान पर हमला किया, तो वे देश की आवाज पर हमला कर रहे थे।