राजपूत घरानों की आन-बान-शान हुआ करता था राजस्थान का ये किला, वीडियो में जानिए यहां घूमने का बेस्ट समय और लोकेशन

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अगर आप सर्दियों में घूमने की जगह की तलाश कर रहे हैं, तो जयपुर जाना सबसे अच्छा विचार होगा। वैसे तो यहां घूमने की जगहों की कमी नहीं है, लेकिन एक जगह ऐसी है, जिसे देखे बिना यहां की यात्रा अधूरी मानी जाती है और वो है आमेर किला। जिसे आमेर किला या आमेर महल के नाम से जाना जाता है। आमेर राजस्थान में स्थित एक खूबसूरत शहर है, जिसके नाम पर इस किले का नाम रखा गया है। इसका निर्माण राजा मान सिंह ने करवाया था और 1592 में बनकर तैयार हुआ था। यह किला पहाड़ी की चोटी पर करीब 1.5 वर्ग मील में फैला हुआ है, जहां से आप आमेर शहर का शानदार नजारा देख सकते हैं।

आमेर किले का इतिहास
आमेर किला जयगढ़ किले के बिल्कुल समानांतर स्थित है और ये दोनों किले नीचे एक रास्ते से जुड़े हुए हैं। इसे बनाने का उद्देश्य किले को दुश्मनों से बचाना था। आमेर किले का पहला निर्माण 11वीं शताब्दी में राजा काकिल देव ने शुरू करवाया था, लेकिन बाद में 1592 में राजा मान सिंह ने इसका निर्माण पूरा करवाया। आमेर किला मध्यकालीन काल का एक स्मारक है। यह किला अपनी वास्तुकला के लिए जाना जाता है। राजस्थान के जयपुर में स्थित आमेर किला भव्य होने के साथ-साथ खूबसूरत भी है। इस किले को बनाने में लाल संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।

आमेर किले के प्रमुख महल और जगहें
मानसिंह महल- यह आमेर किले का सबसे पुराना महल है, जिसे राजा मानसिंह ने बनवाया था। जो देखने लायक है।

शीश महल- किले में मौजूद शीश महल को देखना बेहद यादगार रहेगा। यह कांच से घिरा हुआ एक कमरा है, जिसमें रोशनी की किरण से पूरा कमरा जगमगा उठता है। मशहूर बॉलीवुड फिल्म मुगल-ए-आजम का गाना प्यार किया तो डरना क्या इसी महल में फिल्माया गया था।

आमेर किले का दीवान-ए-आम- आमेर किले में प्रवेश करते ही ठीक सामने चालीस संगमरमर के खंभों से बनी एक बहुत बड़ी आयताकार इमारत है। कहा जाता है कि यहां राजा का दरबार लगता था। इस इमारत का निर्माण राजा जय सिंह ने करवाया था।

सुहाग मंदिर- आमेर किले की सबसे ऊपरी मंजिल पर कई बड़ी खिड़कियां हैं। इन्हें "सुहाग मंदिर" के नाम से जाना जाता है। इन झरोखों से रानियां और महिलाएं राज दरबार और अन्य कार्यक्रम देखा करती थीं।

राजस्थान के इस किले में बॉलीवुड ही नहीं, बल्कि कई हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हुई है। इनमें बाजीराव मस्तानी, शुद्ध देसी रोमांस, मुगल-ए-आजम, भूल भुलैया, जोधा अकबर जैसी फिल्में शामिल हैं। किले में हर शाम लाइट एंड साउंड शो का भी आयोजन किया जाता है। इसे देखना वाकई अद्भुत होता है। लेकिन इसके लिए आपको अलग से टिकट खरीदना होगा।

घूमने का सबसे अच्छा समय

अक्टूबर से मार्च तक के महीने यहां घूमने के लिए सबसे अच्छे हैं। जब ज्यादातर जगहें ठंडी होती हैं, तो यहां का मौसम घूमने के लिए बहुत उपयुक्त होता है।

कैसे पहुंचें?

दिल्ली, पंजाब, हरियाणा जैसे शहरों से आपको जयपुर के लिए सीधी डीलक्स और राज्य परिवहन की बसें मिल जाएंगी। आमेर किला जयपुर शहर से करीब 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, इसलिए जयपुर से यहां पहुंचने के लिए आपको टैक्सी बुक करनी होगी।