अमेरिकी बाजार ने लगाई छलांग, नैस्डेक में 1.25% तो डाउ जोन्स में 0.5% की बढ़ोतरी

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रविवार को चीन से अमेरिका में आयातित इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर टैरिफ में राहत देने के ट्रम्प प्रशासन के फैसले के बाद अमेरिकी शेयर बाजार ने नई उड़ान भरी है। डॉव जोन्स में 0.5%, एसएंडपी 500 में 0.75% तथा नैस्डैक कंपोजिट वायदा में 1.26% की वृद्धि हुई।

इससे पहले, शुक्रवार को ट्रम्प प्रशासन ने अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर चीन द्वारा लगाए गए पारस्परिक शुल्क हटा दिए थे। इसके बाद कंप्यूटर, फोन और सेमीकंडक्टर पर सिर्फ 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा, जो ट्रंप ने पहले ही चीनी सामान पर लगा रखा था।

बाजार में अनिश्चितता

अमेरिकी शेयर बाजार में यह उछाल उस समय देखने को मिला है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने व्यापारिक साझेदार देशों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसके बाद शेयर बाजार में तेज गिरावट ने नई चिंताएं पैदा कर दी थीं। यद्यपि ट्रम्प ने टैरिफ पर 90 दिन की रोक की घोषणा की है, फिर भी निवेशक इसे लेकर चिंतित हैं।

एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट और एनवीडिया जैसी प्रौद्योगिकी निर्माता कंपनियां चीन पर बहुत अधिक निर्भर हैं, इसलिए पारस्परिक टैरिफ लगाए जाने से आईफोन सहित अन्य उत्पाद और अधिक महंगे हो जाएंगे। हालाँकि, वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि यह छूट स्थायी नहीं है। अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर सेमीकंडक्टर आयात के प्रभाव की जांच के बाद एक और टैरिफ लगाया जा सकता है।

निवेशक अभी भी संशय में हैं

इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कहा था कि अनुचित व्यापार संतुलन के लिए किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी, खासकर चीन जिसने हमें सबसे ज्यादा धमकी दी है! टैरिफ पर लगातार भ्रम की स्थिति के कारण, कई निवेशक स्पष्टता आने तक अपना निर्णय रोक रहे हैं। मैसाचुसेट्स डेमोक्रेटिक सीनेटर एलिजाबेथ वारेन ने सीएनएन के 'स्टेट ऑफ द यूनियन' कार्यक्रम में कहा कि निवेशक तब तक अमेरिका में निवेश नहीं करेंगे, जब तक कि अमेरिका टैरिफ पर लाल और हरी बत्ती नहीं दिखाता और कुछ देशों को विशेष छूट देना जारी नहीं रखता।

गौरतलब है कि हाल के हफ्तों में ट्रम्प द्वारा कुछ देशों पर भारी टैरिफ लगाए गए थे। सभी देशों पर 10 प्रतिशत की आधार दर लागू की गई, जबकि 60 देशों पर उच्च दर से टैरिफ लगाया गया, जिनमें कंबोडिया पर 49 प्रतिशत, वियतनाम पर 46 प्रतिशत तथा यूरोपीय संघ पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया। 3 अप्रैल को शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई और निवेशकों के लगभग 6 ट्रिलियन डॉलर डूब गए। इसके बाद 7 अप्रैल को बाजार में एक और भूचाल आया।