भारत में मौसम का दोहरा रंग: गर्मी और बारिश का संगम

भारत में मौसम का दोहरा रंग: पंजाब-हरियाणा में भीषण गर्मी, पूर्वोत्तर में बारिश और बिहार-छत्तीसगढ़ में ओलावृष्टि का अलर्ट: भारत के मौसम ने एक बार फिर से अपनी विविधता का परिचय दिया है। जहां पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के कई राज्यों में गर्मी और लू का प्रकोप है, वहीं पूर्वोत्तर और मध्य भारत में आंधी-तूफान, भारी बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई है।
उत्तर-पश्चिम भारत में गर्मी का प्रकोप
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे राज्यों में गर्मी अपने चरम पर है। सुबह 9 बजे के बाद सड़कों पर निकलना मुश्किल हो रहा है। महाराष्ट्र के विदर्भ के ब्रह्मपुरी में देश का सबसे अधिक तापमान 45.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि दिल्ली में 42.1 डिग्री सेल्सियस तापमान पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले एक हफ्ते में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान में तापमान 1 से 3 डिग्री और बढ़ सकता है। गर्मी के साथ उमस ने भी लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। खासकर पश्चिमी राजस्थान में रात को भी गर्मी से राहत नहीं मिल रही। हालांकि, उत्तर प्रदेश और पूर्वी भारत में 28 अप्रैल से तापमान में 2-5 डिग्री की कमी आने की संभावना है।
पूर्वोत्तर में भारी बारिश का अलर्ट
पूर्वोत्तर भारत में मौसम ने अलग ही रुख अख्तियार किया है। असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और दक्षिणी हिमालयी पश्चिम बंगाल में भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है।
27 अप्रैल को असम और मेघालय में कुछ इलाकों में 204 मिमी से ज्यादा बारिश हो सकती है, जबकि अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में 115 मिमी तक वर्षा का अनुमान है। इस भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है, जिससे स्थानीय लोगों और प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है।
बिहार-छत्तीसगढ़ में ओलावृष्टि की आशंका
मध्य भारत में मौसम का मिजाज और भी उग्र है। छत्तीसगढ़ और बिहार में 27 से 28 अप्रैल के बीच ओलावृष्टि की चेतावनी दी गई है। इससे खरीफ पूर्व की फसलों जैसे मक्का, सब्जियां और फलों को भारी नुकसान हो सकता है।
कर्नाटक के उत्तरी आंतरिक हिस्सों में भी ओलावृष्टि की संभावना है, जो किसानों के लिए नई मुसीबत बन सकती है। मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसलों को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाएं।
दक्षिण भारत में तेज हवाएं और बारिश
दक्षिण भारत भी मौसम के बदलाव से अछूता नहीं है। कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, रायलसीमा, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में अगले सात दिनों तक 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ बारिश और बिजली गिरने की आशंका है।
यह मौसम मछुआरों और तटीय इलाकों में रहने वालों के लिए खतरनाक हो सकता है। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है।
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
मौसम के इस उथल-पुथल के पीछे कई मौसमी प्रणालियां जिम्मेदार हैं। मध्य असम, पूर्वी बिहार और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। तेलंगाना से मन्नार की खाड़ी तक कम दबाव का क्षेत्र और दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ भी मौसम को प्रभावित कर रहा है।
इसके चलते जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश, बिजली गिरने और 50 किमी प्रति घंटे की तेज हवाएं चल सकती हैं। मध्य भारत और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 27 अप्रैल से 1 मई के बीच 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
जनजीवन और फसलों पर असर
मौसम के इस दोहरे मिजाज ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। गर्मी और उमस के कारण लोग घरों में कैद हैं, जबकि बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान होने से किसानों को आर्थिक झटका लग सकता है। मौसम विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
सावधानी और सुझाव
गर्मी से बचने के लिए दिन में 11 बजे से 3 बजे तक बाहर निकलने से बचें, खूब पानी पिएं और हल्के कपड़े पहनें। बारिश और ओलावृष्टि वाले क्षेत्रों में बिजली गिरने से बचने के लिए खुले मैदानों से दूर रहें।
किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए तिरपाल या अन्य साधनों का इस्तेमाल करना चाहिए। मौसम विभाग की वेबसाइट और अलर्ट्स पर नजर रखें ताकि समय पर सही कदम उठाए जा सकें।
मौसम का बदलता मिजाज
भारत का मौसम हमेशा से अपनी विविधता के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार का उतार-चढ़ाव असामान्य है। एक तरफ लू की मार, तो दूसरी तरफ बारिश और ओलावृष्टि ने देश को दो हिस्सों में बांट दिया है। मौसम विभाग की चेतावनियों और सुझावों का पालन करके हम इन चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर सकते हैं।