हरियाणा में गरीब बच्चों के लिए स्कूल मान्यता रद्द करने का निर्णय
हरियाणा में शिक्षा के अधिकार (RTE) का उल्लंघन करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द की जाएगी: हरियाणा में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने उन निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है जो गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को दाखिला देने से मना कर रहे हैं। ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द की जाएगी। इसके साथ ही, बच्चों के लिए दाखिला प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि को 25 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। यह कदम उन बच्चों के लिए एक नई उम्मीद है, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के हकदार हैं।
शिक्षा के अधिकार को लागू करने की प्रक्रिया
हरियाणा सरकार शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) को लेकर गंभीर है। इस अधिनियम के तहत, निजी स्कूलों को गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए अपनी सीटों का एक हिस्सा आरक्षित करना अनिवार्य है। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो स्कूल इस नियम का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा में 10,701 निजी स्कूल हैं, जिनमें से 3,134 स्कूलों ने अभी तक अपनी सीटों का ब्योरा नहीं दिया है। ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हर बच्चे को उसका हक मिले।
दाखिला प्रक्रिया में राहत: तारीख बढ़ी
स्कूलों के रवैये को देखते हुए शिक्षा विभाग ने RTE के तहत दाखिला प्रक्रिया को और लचीला बनाया है। पहले 14 अप्रैल को दाखिले की अंतिम तारीख थी, जिसे बाद में 21 अप्रैल तक बढ़ाया गया। अब विभाग ने इसे तीसरी बार बढ़ाकर 25 अप्रैल कर दिया है। यह फैसला उन अभिभावकों के लिए राहत भरा है, जो अपने बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाना चाहते हैं। ऑनलाइन आवेदन केवल स्कूल की पहली कक्षा के लिए स्वीकार किए जाएंगे, जिससे प्रक्रिया को और व्यवस्थित किया जा सके।
किन बच्चों को मिलेगा लाभ?
हरियाणा के मौलिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि RTE के तहत कई श्रेणियों के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला मिलेगा। इसमें एचआईवी पीड़ित बच्चे, विशेष आवश्यकता वाले बच्चे, युद्ध विधवाओं के बच्चे, और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे शामिल हैं। स्कूलों को अपनी कुल सीटों में से कम से कम 8% अनुसूचित जाति, 4% पिछड़ा वर्ग-ए, और 2.5% पिछड़ा वर्ग-बी के बच्चों के लिए आरक्षित करनी होंगी। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि समाज के हर वर्ग के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सकें।
शिक्षा विभाग की सख्ती
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई न बरतने की बात कही है। जिन स्कूलों ने सीटों का ब्योरा नहीं दिया या RTE नियमों का उल्लंघन किया, उनके खिलाफ मान्यता रद्द करने की कार्रवाई तेज की जाएगी। शिक्षा विभाग ने इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल को फिर से खोला है, ताकि स्कूलों को अपनी जानकारी अपडेट करने का आखिरी मौका मिले। यह कदम न केवल शिक्षा के अधिकार को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार बच्चों के भविष्य के प्रति कितनी संवेदनशील है।
अभिभावकों के लिए सलाह
यदि आप अपने बच्चे को RTE के तहत निजी स्कूल में दाखिला दिलाना चाहते हैं, तो 25 अप्रैल से पहले ऑनलाइन आवेदन जरूर करें। सुनिश्चित करें कि आपके दस्तावेज, जैसे आय प्रमाण पत्र और बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, तैयार हों। आवेदन प्रक्रिया के लिए हरियाणा शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और निर्देशों का पालन करें। यदि आपको कोई समस्या आती है, तो नजदीकी शिक्षा विभाग कार्यालय से संपर्क करें। यह आपके बच्चे के बेहतर भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
शिक्षा में समानता की ओर कदम
हरियाणा सरकार का यह फैसला शिक्षा में समानता और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत कदम है। गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाकर सरकार न केवल उनके सपनों को पंख दे रही है, बल्कि समाज में सामाजिक न्याय को भी मजबूत कर रही है। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा की यह पहल हरियाणा के शिक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है।