जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद उमर अब्दुल्ला की सर्वदलीय बैठक: क्या है स्थिति?

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मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पहल

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की गंभीरता को देखते हुए 24 अप्रैल को एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया। यह बैठक श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (SKICC) में दोपहर 3 बजे शुरू हुई, जिसमें राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए।


बैठक में शामिल दलों के प्रतिनिधि

इस महत्वपूर्ण बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के गुलाम नबी आज़ाद, जेके कांग्रेस के तारिक हमीद कर्रा, अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन और पीडीपी के महबूब बेग शामिल थे। इसके अलावा भाजपा, सीपीआई (एम), जेडीयू, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट, आम आदमी पार्टी, अवामी इत्तेहाद पार्टी, नेशनल पैंथर्स पार्टी और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसे कई दलों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।


हमले की गंभीरता पर मुख्यमंत्री का बयान

उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को "जम्मू-कश्मीर की आत्मा पर हमला" करार दिया और कहा कि यह केवल एक राजनीतिक या क्षेत्रीय मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक मानवीय त्रासदी है जिसने सभी को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि हमले में मारे गए 26 पर्यटकों और घायल लोगों की पीड़ा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।


सभी दलों को एकजुट होने की आवश्यकता

मुख्यमंत्री ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में बताया कि उन्होंने यह बैठक इसलिए बुलाई क्योंकि इस कठिन समय में सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर बोलने की आवश्यकता है। उन्होंने नेताओं को पत्र लिखकर अपील की कि सभी मिलकर लोकतांत्रिक भावना के तहत, बिना किसी राजनीतिक मतभेद के, इस चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करें।


बैठक का उद्देश्य

बैठक का मुख्य उद्देश्य एक संयुक्त रणनीति तैयार करना और राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना था, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।