चरखी दादरी में आंबेडकर भवनों का निर्माण: ग्रामीण विकास की नई शुरुआत

चरखी दादरी में आंबेडकर भवनों का निर्माण: चरखी दादरी जिले के निवासियों के लिए एक सुखद समाचार है। चार साल पहले की गई घोषणा अब वास्तविकता में बदलने जा रही है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने जिले के आठ गांवों में आंबेडकर भवनों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना न केवल सामुदायिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र भी बनेगी। बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह की मेहनत ने इस सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आंबेडकर भवन: सामुदायिक विकास की नई पहल
विकास एवं पंचायत विभाग ने ग्राम विकास योजना के तहत 2.9 करोड़ रुपये की लागत से इन आंबेडकर भवनों के निर्माण को हरी झंडी दी है। ये भवन गांवों में सामाजिक समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामुदायिक बैठकों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करेंगे।
स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने खुशी से कहा, “आंबेडकर भवन हमारे गांव के लिए गर्व की बात है। यह हमारी एकता और संस्कृति को मजबूत करेगा।” यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कौन से गांवों को मिलेगा लाभ?
इन आंबेडकर भवनों के लिए आठ गांवों में अलग-अलग राशि स्वीकृत की गई है। बलाली गांव में 12 लाख रुपये, बडराई में 27 लाख रुपये, बादल में 31 लाख रुपये, साहुवास में 26 लाख रुपये, बरसाना में 26 लाख रुपये, खेड़ी बूरा में 25 लाख रुपये, खेड़ी बत्तर में 24.33 लाख रुपये और कारीमोद में 26 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। इन भवनों का निर्माण न केवल गांवों की सुंदरता बढ़ाएगा, बल्कि सामुदायिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करेगा।
सांसद धर्मबीर सिंह का योगदान
भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह के प्रयासों ने इस परियोजना को मंजूरी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सहकारी बैंक के चेयरमैन सुधीर चांदवास ने बताया कि सांसद धर्मबीर ने दादरी रैली में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सामने आंबेडकर भवन निर्माण की मांग उठाई थी।
उनकी मेहनत और जनता के प्रति समर्पण ने इस मांग को वास्तविकता में बदल दिया। सुधीर ने कहा, “सांसद जी के प्रयासों से चरखी दादरी विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।”
ग्रामीण विकास को मिलेगा बल
आंबेडकर भवन का निर्माण ग्रामीण समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। ये भवन न केवल सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र होंगे, बल्कि ग्रामीणों को एकजुट करने में भी मदद करेंगे।
यह परियोजना बाबा साहेब आंबेडकर के समावेशी विकास के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक प्रयास है। स्थानीय पंचायत सदस्य अनीता देवी ने कहा, “ये भवन हमारे गांवों में नई ऊर्जा लाएंगे। हमारी अगली पीढ़ी को भी इसका लाभ मिलेगा।”
भविष्य की राह
चरखी दादरी के इन आठ गांवों में आंबेडकर भवनों का निर्माण जल्द शुरू होने की उम्मीद है। यह परियोजना न केवल ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी,
बल्कि स्थानीय लोगों में एकता और गर्व की भावना भी पैदा करेगी। सांसद धर्मबीर सिंह की यह पहल एक बार फिर साबित करती है कि सही नेतृत्व और समर्पण से बड़े बदलाव संभव हैं। जैसे-जैसे ये भवन बनकर तैयार होंगे, चरखी दादरी के गांव विकास की नई कहानी लिखेंगे।