क्या है क्लॉस्टेरोफोबिया?
बॉलीवुड के फेमस एक्टर सलमान खान को लिफ्ट से डर लगता है। जैसे ही वो लिफ्ट में कदम रखते हैं, उन्हें घबराहट महसूस होने लगती है। दरअसल, सलमान खान क्लॉस्टेरोफोबिया नाम की बीमारी से ग्रस्त हैं। इसमें बंद जगहों में डर का अनुभव होता है। यह समस्या केवल लिफ्ट तक सीमित नहीं है; क्लॉस्टेरोफोबिया के मरीजों को भीड़भाड़ वाले बाजार, बस, या किसी भी बंद जगह में डर महसूस हो सकता है। आइए जानते हैं क्लॉस्टेरोफोबिया के बारे में और इसके लक्षण व उपचार।
क्या है क्लॉस्टेरोफोबिया?
क्लॉस्टेरोफोबिया एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को बंद और भीड़भाड़ वाली जगहों में डर और घबराहट होती है। यह एक आम फोबिया है, जिससे बहुत से लोग प्रभावित होते हैं। जैसे ही व्यक्ति ऐसी जगहों से बाहर निकलता है, उसे सामान्य महसूस होने लगता है। क्लॉस्टेरोफोबिया के लक्षण व्यक्ति विशेष पर निर्भर करते हैं और हर किसी में अलग-अलग हो सकते हैं।
क्लॉस्टेरोफोबिया के कारण
इस बीमारी का असली कारण अभी तक पूरी तरह से नहीं समझा जा सका है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं:
जेनेटिक कारण: अगर परिवार में किसी को क्लॉस्टेरोफोबिया है, तो यह बीमारी अन्य सदस्यों में भी हो सकती है।
दिमाग की बनावट: ब्रेन की संरचना में कुछ खास बदलाव भी क्लॉस्टेरोफोबिया का कारण बन सकते हैं।
दर्दनाक अनुभव या एक्सीडेंट: किसी बंद जगह में दर्दनाक अनुभव या हादसा इस डर का कारण बन सकता है।
क्लॉस्टेरोफोबिया के लक्षण
क्लॉस्टेरोफोबिया के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। आमतौर पर इसके कुछ मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
बंद जगहों में डर या घबराहट महसूस होना। पसीना आना और दिल की धड़कन तेज हो जाना। सांस लेने में कठिनाई महसूस होना। चक्कर आना और बेहोशी जैसा महसूस होना। बंद जगह से तुरंत निकलने की इच्छा होना।
क्लॉस्टेरोफोबिया का इलाज
क्लॉस्टेरोफोबिया का इलाज संभव है। यहां कुछ तरीकों के बारे में बताया जा रहा है, जो इस समस्या से राहत पाने में सहायक हो सकते हैं:
कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT): यह थेरेपी व्यक्ति को उसके डर का सामना करने में मदद करती है। इस थेरेपी के माध्यम से व्यक्ति अपने डर से लड़ना और उसे नियंत्रित करना सीख सकता है।
एक्सपोजर थेरेपी: इस थेरेपी में व्यक्ति को धीरे-धीरे बंद जगहों में रहने की आदत डलवाने की कोशिश की जाती है। इससे वह धीरे-धीरे अपने डर पर काबू पाने लगता है।
दवाइयां और सेल्फ टेक्नीक: कुछ दवाइयां भी क्लॉस्टेरोफोबिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं। इसके अलावा, व्यक्ति खुद भी गहरी सांस लेना, म्यूजिक सुनना, और रिलैक्सेशन जैसी तकनीकें अपनाकर अपने डर को नियंत्रित कर सकता है।
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