Jharkhand Minister Hafizul Hasan's Controversial Remarks : झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन ने संविधान और शरीयत की तुलना करते हुए कर दी विवादित टिप्पणी, शुरू हो गया विवाद, बीजेपी ने उठाई बर्खास्तगी की मांग

Hero Image

नई दिल्ली। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री हफीजुल हसन ने संविधान और शरीयत की तुलना करते हुए ऐसी बात कह दी जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है। हसन ने कहा कि शरीयत मेरे लिए बड़ा है, हम मुसलमान कुरान को सीने में और संविधान को हाथ में रखते हैं। उधर, झारखंड के मंत्री का बयान वायरल होने के बाद बीजेपी के कई नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि संविधान के लिए इस प्रकार की बात करने वाले को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हफीजुल हसन के लिए संविधान नहीं, शरीयत मायने रखता है, क्योंकि ये अपने ‘लक्ष्य’ के प्रति स्पष्ट हैं और सिर्फ अपने कौम के प्रति वफादार हैं। चुनाव के समय इन्होंने गरीब, दलित, आदिवासियों के सामने हाथ जोड़कर वोट मांगा और अब अपना इस्लामिक एजेंडा चलाने की कोशिश कर रहे हैं। हफीजुल की यह कट्टर सोच पूरे प्रदेश विशेषकर संथाल परगना की सांस्कृतिक पहचान और आदिवासी अस्मिता के लिए खतरा बनती जा रही है। संवैधानिक पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति यदि कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देता है, तो वह न सिर्फ वर्तमान, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी खतरा उत्पन्न करता है। इस विषय में राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर सभी पक्षों के नेताओं को आत्ममंथन करने की जरूरत है। शरीयत, बाबासाहब द्वारा रचित संविधान की मूल भावना के विपरीत है। यदि हेमंत सोरेन और राहुल गांधी में संविधान के प्रति सच्ची आस्था है, तो तुरंत हफीजुल हसन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए।

वहीं बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेताओं का इतिहास ही बाबा साहेब और उनके बनाए संविधान का अपमान करने का रहा है। केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी का कहना है कि झारखंड के मंत्री का यह बयान बाबा साहेब के संविधान का सीधा अपमान है। इंडिया गठबंधन के नेताओं का असली एजेंडा तुष्टिकरण है, संविधान तो उनके लिए सिर्फ एक मुखौटा है।

 

The post appeared first on .