Ganderbal Terror Attack In Jammu-Kashmir: गांदरबल हमले के आतंकियों की तलाश जारी, डॉक्टर समेत 7 लोगों की दहशतगर्दों ने ली जान; टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में रविवार की रात हुए भीषण हमले में शामिल 3 आतंकियों की तलाश जारी है। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े टीआरएफ ने ली है। गांदरबल के आतंकी हमले में डॉक्टर समेत 7 लोगों की जान गई। इसके अलावा 5 अन्य घायल हुए हैं। इनमें से 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने घटना में शामिल आतंकियों को न बख्शने की बात कही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है।

गांदरबल के आतंकी हमले में डॉक्टर शाहनवाज, गुरमीत सिंह, फहीम नजीर, शशि अबरोल, मोहम्मद हनीफ, अनिल कुमार शुक्ला और कलीम की जान गई है। मृतकों में 5 प्रवासी हैं। इनके अलावा इंदर यादव, मुश्ताक अहमद लोन, जगतार सिंह, इशफाक अहमद बट और मोहन लाल घायल हुए हैं। जानकारी के मुताबिक ये सभी गांदरबल के पास एक टनल बनाने वाली कंपनी के लिए काम कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक रात में जब मजदूर मेस में भोजन करने गए, तभी वहां 3 आतंकी पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इससे मजदूरों को बचने का मौका नहीं मिला। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक गोली लगने से 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।

जम्मू-कश्मीर में 3 दिन के भीतर प्रवासियों को निशाना बनाकर ये दूसरा आतंकी हमला किया गया। शुक्रवार को शोपियां में एक प्रवासी मजदूर का शव सड़क किनारे मिला था। माना जा रहा है कि उसकी हत्या भी आतंकियों ने की। केंद्र में मोदी सरकार के तीसरी बार शपथग्रहण के बाद से लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं। 9 जून 2024 को जब मोदी सरकार शपथ ले रही थी, उस तारीख को हिंदू तीर्थयात्रियों पर हमला हुआ था। जिसमें 9 लोगों की जान गई थी। इसके बाद सेना पर भी आतंकियों ने लगातार हमले किए। जिनमें एक अफसर समेत 12 जवान शहीद भी हुए थे। जम्मू-कश्मीर में प्रवासियों को पहले भी आतंकवादी निशाना बनाते रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के दौरान आतंकी गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगी थी, लेकिन अब गांदरबल में 7 लोगों की जान लेकर आतंकियों ने केंद्र सरकार को बड़ी चुनौती दी है।

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