Cyclone DANA Update: समुद्री चक्रवात दाना से लोगों को बचाने के लिए ओडिशा में युद्धस्तर पर हो रहा काम, जानिए कितनी है तैयारी

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भुवनेश्वर। ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर समुद्री चक्रवात दाना का कहर बरपने की आशंका है। दाना के कहर से लोगों को बचाने के लिए ओडिशा सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। ओडिशा सरकार ने अहम फैसले लिए हैं और पुरी, गंजाम, केंद्रपाड़ा, बालासोर, जगतसिंहपुर, क्योंझर, ढेंकनाल, मयूरभंज, अंगुल, खुर्दा, जाजपुर, कटक और नयागढ़ जिलों में 23 और 24 अक्टूबर को स्कूल-कॉलेज बंद रखने का फैसला किया है। समुद्री चक्रवात दाना ओडिशा के जिस इलाके से गुजरेगा, वहां से लाखों लोगों को सुरक्षित जगह ले जाने का काम भी युद्धस्तर पर चल रहा है।

मौसम विभाग की जानकारी के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्से में कम दबाव का क्षेत्र बना है। ये कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी दिशा में बढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 22 अक्टूबर यानी आज ये कम दबाव का क्षेत्र समुद्री चक्रवात में बदलेगा। इस समुद्री चक्रवात को दाना नाम दिया गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 23 अक्टूबर को समुद्री चक्रवात दाना ओडिशा और पश्चिम बंगाल के बीच तट को पार करेगा। समुद्री चक्रवात दाना के कारण 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने और बहुत भारी बारिश होने की चेतावनी भी मौसम विभाग ने दी है।

 

समुद्री चक्रवात दाना से पहले भी बीते एक महीने में कई छोटे समुद्री चक्रवात आ चुके हैं। इनकी वजह से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पूर्वोत्तर के राज्यों में अक्टूबर के पहले हफ्ते तक काफी बारिश हुई। समुद्री चक्रवात दाना को हाल में आए सभी चक्रवात से ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। समुद्री चक्रवात दाना के प्रभाव के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल के अलावा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश समेत कई और राज्यों में भी काफी बारिश हो सकती है। वहीं, मौसम विभाग का कहना है कि 25 अक्टूबर के बाद देश के उत्तरी राज्यों में ठंड बढ़ने की शुरुआत होगी। अभी उत्तर भारत के राज्यों में रात को ठंड हो भी रही है। इसकी वजह ला नीना का प्रभाव है। ला नीना प्रभाव में समुद्र की सतह और जमीन का तापमान एक जैसा रहता है। वहीं, इसके उलट एल नीनो प्रभाव में समुद्र की सतह का तापमान जमीन से कम होता है।

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