विश्व: वैज्ञानिकों को मिला एक एलियन ग्रह, जीवन के सबूत

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एलियंस का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों को सुदूर अंतरिक्ष में एक ग्रह पर एलियंस के अस्तित्व के संकेत मिले हैं। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शीर्ष खगोलविदों का कहना है कि उन्हें K2-18b नामक इस दूरस्थ ग्रह पर जीवन के प्रमाण मिले हैं। वैज्ञानिक इस बात पर 99.7% आश्वस्त हैं। ब्रिटिश मीडिया आउटलेट द सन ने वैज्ञानिकों के हवाले से बताया है कि K2-18b नामक यह ग्रह 120 प्रकाश वर्ष दूर है और हमारी पृथ्वी से लगभग ढाई गुना बड़ा है।

 

पृथ्वी जैसे इस ग्रह पर मिले संकेत

खगोलविदों ने ग्रह के वायुमंडल में डीएमएस नामक अणु की पहचान की है। पृथ्वी पर, यह अणु हमारे महासागरों में रहने वाले छोटे शैवालों द्वारा निर्मित होता है। इन्हें मानव आंखों से नहीं देखा जा सकता, लेकिन ये पानी पर बड़ी संख्या में रंगीन धब्बों के रूप में दिखाई देते हैं। इसी प्रकार के एलियन K2-18b पर भी मौजूद हो सकते हैं। प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर निक्कू मधुसूदन ने कहा: “यदि जीवन संभव नहीं है तो साहित्य में ऐसा कोई तंत्र नहीं है जो यह समझा सके कि हम जो देख रहे हैं वह क्या है।”

जेम्स वेब टेलीस्कोप से डेटा का अध्ययन

खगोलविदों ने इस अध्ययन के लिए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के डेटा का उपयोग किया। इस विशालकाय दूरबीन को 2021 में लॉन्च किया गया था। अध्ययन के दौरान, वैज्ञानिकों ने ग्रह के वायुमंडल में दो अणुओं के फिंगरप्रिंट देखे हैं: डाइमिथाइल सल्फाइड (डीएमएस) और डाइमिथाइल डाइसल्फ़ाइड (डीएडीएस)। ये दोनों अणु केवल पृथ्वी पर जीवन द्वारा निर्मित होते हैं, जो आमतौर पर सूक्ष्मजीव होते हैं।

ग्रह पर महासागर होने की संभावना

अध्ययन में शामिल वैज्ञानिकों का मानना है कि परिणाम इतने सशक्त हैं कि इसकी केवल 0.3% संभावना है कि यह संयोगवश हुआ हो। यह संभवतः जलीय महासागर और सघन हाइड्रोजन-समृद्ध वायुमंडल वाला ग्रह है। प्रोफेसर मधुसूदन ने सूर्या से कहा कि ‘यदि यह हिस्सियन दुनिया है, तो यह ग्रह महासागरों से ढका होगा।’ हायोसाइन शब्द हाइड्रोजन और ऑसाइन को एक साथ मिलाकर बना है। प्रोफेसर मधुसूदन ने आगे कहा, ‘हमें अभी तक नहीं पता कि उन महासागरों का तापमान क्या होगा, लेकिन उम्मीद है कि वे पृथ्वी की तुलना में थोड़े गर्म होंगे।’

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