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कजाकिस्तान वीजा: भारतीयों के लिए खुशखबरी, जानें वीजा फ्री एंट्री के नियम

अगर आप भी किसी यूरोपीय देश में घूमने का सपना देख रहे हैं लेकिन लाखों खर्च करने के बारे में सोचकर घबरा रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। इस खबर में हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताएंगे जो भारत से महज कुछ ही घंटों की दूरी पर है। यहां जाने के लिए आपको वीजा की भी जरूरत नहीं है और सिर्फ 50 हजार रुपये में आपको यूरोप घूमने जितना मजा मिलेगा।

ये देश भारत से तीन से साढ़े तीन घंटे की दूरी पर है

इस देश का नाम है कजाकिस्तान, जो भारत से करीब तीन से साढ़े तीन घंटे की दूरी पर है। कजाकिस्तान भारतीय पर्यटकों को वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देता है। दिल्ली से कजाकिस्तान के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं। अन्य देशों की तुलना में कजाकिस्तान में घूमना, रहना और खाना बहुत आसान है।

यहां बिना वीजा के 14 दिन तक रहने की इजाजत है

कजाकिस्तान की सरकार भारतीय नागरिकों को सिर्फ एक पासपोर्ट के साथ 14 दिनों तक बिना वीजा के यहां रहने की इजाजत देती है। इसके अलावा, आप पर्यटन या व्यवसाय से संबंधित गतिविधियों के लिए 180 दिनों के भीतर तीन बार 14 दिनों के लिए कजाकिस्तान में रह सकते हैं, लेकिन हर बार आपको 14 दिन की अवधि समाप्त होने से पहले देश छोड़ना होगा। इस अवधि के दौरान आपको वहां काम करने की अनुमति नहीं है.

सबसे प्रसिद्ध प्राकृतिक आश्चर्यों में से एक कजाकिस्तान की यह झील है

अल्माटी कजाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर है जो अपनी जीवंत संस्कृति और पहाड़ी पृष्ठभूमि के लिए जाना जाता है। अल्माटी के कुछ आकर्षणों में कोक-टोबे हिल, बिग अल्माटी झील और मीडो स्केटिंग रिंक और स्की रिज़ॉर्ट शामिल हैं। यह झील कजाकिस्तान के सबसे प्रसिद्ध प्राकृतिक आश्चर्यों में से एक है। इस अजीब झील का नाम ‘लेक कैंडी’ है। दूर से देखने पर झील में अजीब तरह से फैली हुई लकड़ी की छड़ें दिखाई देती हैं, जो वास्तव में पेड़ की शाखाएँ हैं। इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।

कजाकिस्तान के मुख्य आकर्षणों में से एक बटेरेक टॉवर है जो शहर का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। 300 फीट ऊंचे इस टावर का शीर्ष सोने के अंडे के आकार का है। यह कोई सामान्य रेगिस्तानी इलाका नहीं बल्कि प्रकृति का एक शानदार नमूना है जो सर्दियों में पर्यटकों की भारी भीड़ को आकर्षित करता है।

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