US Tariffs vs Income Tax: डोनाल्ड ट्रंप की नई योजना – क्या टैरिफ ले सकता है आयकर की जगह?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर चर्चा में हैं, इस बार टैरिफ और इनकम टैक्स को लेकर। ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे अमेरिका में आयकर को पूरी तरह खत्म करने पर विचार कर सकते हैं, और इसकी भरपाई टैरिफ के जरिए की जा सकती है। ट्रंप का कहना है कि अगर सही ढंग से लागू किया जाए तो टैरिफ से इतनी कमाई हो सकती है कि आयकर की आवश्यकता ही नहीं रहे।
1870 से 1913 तक था टैरिफ ही सरकार की कमाई का जरिया
फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने बताया कि 1870 से 1913 के बीच अमेरिका में आयकर नहीं था, और सरकार की प्रमुख कमाई टैरिफ से होती थी। उस दौर में, अमेरिका को दुनिया के सबसे अमीर देशों में गिना जाता था।
ट्रंप ने कहा, “यह संभव है कि हम टैरिफ के जरिए उतना धन जुटा सकें कि आयकर खत्म किया जा सके। यह कोई नई बात नहीं है। हमारे देश की समृद्धि का एक बड़ा कारण टैरिफ आधारित मॉडल रहा है।”
क्या ट्रंप को मिलेगा कानूनी समर्थन?
टैक्स नीति में बदलाव का अधिकार केवल अमेरिकी कांग्रेस के पास होता है। ट्रंप की इस योजना को लागू करने के लिए उन्हें कांग्रेस की मंजूरी लेनी होगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि टैरिफ से मिलने वाले राजस्व का उपयोग कर कांग्रेस टिप्स, सोशल सिक्योरिटी टैक्स और अन्य टैक्सों को हटाने की दिशा में कदम उठा सकती है।
क्या महामंदी के लिए टैरिफ जिम्मेदार था?
ट्रंप ने इंटरव्यू के दौरान ऐतिहासिक दृष्टांत देते हुए कहा कि 1930 के दशक की महामंदी को अक्सर टैरिफ लगाने से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन हकीकत यह है कि महामंदी टैरिफ लागू होने से पहले ही शुरू हो चुकी थी।
उन्होंने यह भी बताया कि 1880 के दशक में एक समिति बनाई गई थी, जिसका मकसद यह तय करना था कि सरकार को मिले अधिक पैसे का क्या किया जाए।
टैरिफ से कितना कमा सकता है अमेरिका?
ट्रंप का दावा है कि यदि टैरिफ प्रणाली को ठीक से लागू किया जाए तो अमेरिका:
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हर दिन दो से तीन अरब डॉलर कमा सकता है
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सालाना सैकड़ों अरब डॉलर की कमाई संभव है
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इससे देश की आर्थिक स्थिति को नई मजबूती मिल सकती है
उन्होंने बताया कि जब वे पहले राष्ट्रपति थे, तब टैरिफ से सरकार की रिकॉर्ड कमाई हो रही थी, लेकिन कुछ परिस्थितियों में उन्होंने थोड़ी राहत भी दी थी।
90 दिन के लिए टैरिफ पर रोक – अचानक बदलाव क्यों?
ट्रंप ने पहले कई देशों पर रेसिप्रोकल और कस्टमाइज्ड टैरिफ लगाए थे, लेकिन बाद में 90 दिनों की अस्थायी रोक लगा दी। यह निर्णय अचानक लिया गया था, क्योंकि पहले ट्रंप ने कहा था कि टैरिफ पर कोई रोक नहीं लगेगी, केवल बातचीत होगी। बाद में उन्होंने लचीलापन दिखाते हुए अपनी रणनीति में बदलाव किया।
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