चीन ने ताइवान के खिलाफ आवाज उठाई; ताइवान और जापान के बीच 6 परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती

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बीजिंग/ताइपे: एशियाई महाद्वीप पर एक बार फिर युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। गूगल मैप्स पर मौजूद तस्वीरों से यह जानकारी सामने आई है कि चीन ने पीले सागर में छह परमाणु पनडुब्बियां तैनात की हैं। इस कदम से ताइवान और जापान में काफी हलचल मच गई है। सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह पनडुब्बी तैनाती चीन द्वारा ताइवान को पूरी तरह से अपने अधीन करने का प्रयास है और यह जापान को सीधी चेतावनी भेजने का भी एक साधन है।

चीन की ताइवान के चारों ओर ‘लोहे की दीवार’ बनाने की योजना

गूगल मैप्स पर मौजूद तस्वीरों के अनुसार, चीन ने इन पनडुब्बियों को क़िंगदाओ बंदरगाह से सिर्फ 18 किलोमीटर दूर, समुद्र के बीच में तैनात किया है। इनमें घातक टाइप 091, दो 093A, एक अज्ञात पनडुब्बी और एक अन्य टाइप 092 परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी शामिल हैं। कई विशेषज्ञों ने यह विचार व्यक्त किया है कि इस कदम से चीन की ताइवान और जापान को एक ही झटके में नष्ट करने की मंशा स्पष्ट हो जाती है।

जापान को ‘हिरोशिमा’ की याद दिला दी, चीन की सीधी धमकी

हाल ही में चीन के विदेश मंत्रालय ने जापान को सार्वजनिक चेतावनी जारी करते हुए कहा, “जापान को हिरोशिमा को नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि हम इससे भी अधिक नुकसान कर सकते हैं।” जापान द्वारा ताइवान का पक्ष लिए जाने से चीन का गुस्सा और बढ़ गया है। चीन का मानना है कि ताइवान उसका हिस्सा है और वहां की सरकार अवैध है।

प्रशांत महासागर में 3,000 किलोमीटर लंबी नाकाबंदी

चीन ने पापुआ न्यू गिनी से लेकर समोआ तक युद्धपोत बनाकर पूरे प्रशांत महासागर में 3,000 किलोमीटर की घेराबंदी बना ली है। कहा जा रहा है कि इस बारिश का उद्देश्य अमेरिका, जापान और अन्य सहयोगी देशों से ताइवान तक सैनिकों या युद्ध सामग्री पहुंचाने का मार्ग अवरुद्ध करना है। इसके लिए चीन ने न केवल परमाणु पनडुब्बियां बल्कि बड़े नौसैनिक जहाज भी तैनात कर दिए हैं, जो समय आने पर मिसाइल हमलों में शामिल हो सकते हैं।

अमेरिका ने ताइवान-जापान का साथ दिया, चीन नाराज

ताइवान ने हाल ही में समुद्र में चीन के खिलाफ रणनीतिक कदम उठाए, जिसके बाद चीन ने ताइवान के चारों ओर अपना सैन्य कवच तैयार कर लिया। इसके अलावा, ऐसे संकेत भी मिल रहे हैं कि चीन ने अब दोनों के खिलाफ सीधे युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है, क्योंकि जापान ताइवान को समर्थन देना जारी रखे हुए है। चीन का कहना है कि ताइवान और जापान संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों पर बहुत अधिक निर्भर हैं। इसलिए, बीजिंग द्वारा लगातार यह संदेश दिया जा रहा है कि यदि युद्ध छिड़ता है, तो तैयार रहें – आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

चीन की पनडुब्बी तैनाती के विश्वव्यापी गंभीर परिणाम होंगे

चीन के इन कदमों से वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति में बड़ी उथल-पुथल की संभावना पैदा हो गई है। पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन का ध्यान अब एक बार फिर एशिया की ओर गया है। वैश्विक तनाव के बीच चीन द्वारा परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती को युद्ध-पूर्व तैयारी का एक रूप कहा जा रहा है। विश्व सुरक्षा की खातिर यह मुद्दा अब संयुक्त राष्ट्र में चर्चा का विषय बन सकता है।

तनाव बढ़ने की कगार पर

चीन के इन आक्रामक कदमों से स्पष्ट संकेत मिलता है कि ताइवान और जापान के खिलाफ निर्णायक टकराव जल्द ही हो सकता है। इस पृष्ठभूमि में, विश्व को इस संघर्ष पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। अन्यथा, इस संघर्ष के दुष्परिणाम पूरे विश्व में गूंज सकते हैं, और एक नया शीत युद्ध शुरू हो सकता है।

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