मोती रत्न धारण करने के नियम: किसके लिए शुभ और किन रत्नों के साथ न करें संयोजन
ज्योतिष शास्त्र में मोती (Pearl) को चंद्रमा का रत्न माना गया है और इसे मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन और समृद्धि के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। विशेष रूप से जिन लोगों को क्रोध अधिक आता है या जिनका मन स्थिर नहीं रहता, उनके लिए मोती का धारण करना लाभकारी होता है। हालांकि, मोती पहनने से पूर्व कुछ जरूरी सावधानियों को जानना आवश्यक है, क्योंकि गलत रत्नों के साथ इसका संयोजन नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है।
किन रत्नों के साथ मोती नहीं पहनना चाहिए?
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मोती को निम्नलिखित रत्नों के साथ नहीं पहनना चाहिए:
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हीरा (डायमंड)
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पन्ना (एमराल्ड)
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गोमेद (हेसोनाइट)
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लहसुनिया (कैट्स आई)
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नीलम (ब्लू सफायर)
इन रत्नों से जुड़े ग्रह – शुक्र, बुध, शनि और राहु – चंद्रमा के शत्रु माने जाते हैं। यदि इन रत्नों के साथ मोती पहना जाए, तो चंद्रमा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे मानसिक तनाव और असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे मामलों में शुभ प्रभाव मिलने के बजाय नुकसान की संभावना रहती है।
किन रत्नों के साथ मोती पहन सकते हैं?
मोती को कुछ विशेष रत्नों के साथ संयोजन में पहनना शुभ फल देता है:
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पुखराज (टोपाज़): बृहस्पति ग्रह का रत्न, जो चंद्रमा से मित्रता रखता है।
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मूंगा (कोरल): मंगल ग्रह का रत्न, जो मोती के सकारात्मक प्रभाव को और बढ़ाता है।
इन रत्नों के साथ मोती धारण करने से मानसिक शांति, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
किन राशियों को मोती नहीं पहनना चाहिए?
जिन राशियों के स्वामी ग्रह चंद्रमा के शत्रु हैं, उन्हें मोती धारण करने से परहेज करना चाहिए। इनमें शामिल हैं:
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वृषभ (Taurus)
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मिथुन (Gemini)
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कन्या (Virgo)
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मकर (Capricorn)
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कुंभ (Aquarius)
इन राशियों के जातकों के लिए मोती पहनना हानिकारक हो सकता है और इससे मानसिक उलझन या असंतुलन बढ़ सकता है। अतः किसी भी रत्न को धारण करने से पहले योग्य ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें।
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