पतंजलि का जैविक आंदोलन भारतीय कृषि के भविष्य को किस प्रकार आकार दे रहा है?
नई दिल्ली: पतंजलि का जैविक खेती अभियान भारतीय किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण बनकर उभरा है। रासायनिक खेती की समस्याओं से जूझ रहे भारतीय किसानों के लिए पतंजलि ने न केवल जैविक और प्राकृतिक खेती के माध्यम से मृदा स्वास्थ्य को सुधारने का काम किया है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया है।
पतंजलि ने ‘नव हरित क्रांति’ और ‘एग्रो विजन’ योजना के माध्यम से किसानों के जीवन में सुधार किया है। नये तकनीकी समाधान अपनाकर और किसानों को उचित प्रशिक्षण देकर कृषि में सुधार किया जा रहा है। इस अभियान से ऐसा लगता है कि भारतीय कृषि का भविष्य अब उज्जवल होगा।
पतंजलि का कृषि अभियान
ग्रामीण भारत में किसान हर सुबह केवल एक उम्मीद लेकर अपने खेतों की ओर निकलते हैं। लेकिन बदलते समय और रासायनिक खेती की चुनौतियों ने उनकी मेहनत को कठिन बना दिया है। मिट्टी की गुणवत्ता घट रही है, फसलें खराब हो रही हैं और किसान वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे हैं। यही कारण है कि पजंतली किसानों के लिए आशा की नई किरण बनकर उभरा है।
स्वामी रामदेव के मार्गदर्शन और आचार्य बालकृष्ण की देखरेख में पतंजलि अनुसंधान संस्थान के लगभग 150 वैज्ञानिक मिलकर किसानों और कृषि से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए काम कर रहे हैं। उनके प्रयासों से एक सम्पूर्ण योजना तैयार हुई है, जिसका वर्णन ‘नव हरित क्रांति – एवं कृषि विजन’ नामक पुस्तक में किया गया है।
इस योजना के तहत पतंजलि सिर्फ जैविक खेती ही नहीं सिखा रही है। इसके साथ ही यह किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज, जैविक खाद और किफायती उर्वरक भी उपलब्ध करा रहा है। इससे कृषि की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है और किसान अब स्थायी रूप से अच्छी फसल ले रहे हैं।
किसानों को नई तकनीकों का प्रशिक्षण
पतंजलि की सफलता का एक प्रमुख कारण किसानों को दिया जाने वाला प्रशिक्षण है। पतंजलि किसान समृद्धि कार्यक्रम के तहत किसानों को जैविक खेती के सरल और लाभदायक तरीके सिखाए जाते हैं। इससे रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग कम हो जाता है, जिससे मृदा स्वास्थ्य में सुधार होता है और प्राकृतिक एवं स्वस्थ फसलों का उत्पादन होता है।
इसके अलावा पतंजलि ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी प्रवेश किया है। किसानों की मदद के लिए कंपनी ने जियो-मैपिंग, जियो-फेंसिंग और मौसम की जानकारी के लिए ऐप बनाए हैं, ताकि सभी किसानों को बुनियादी आवश्यक जानकारी आसानी से मिल सके। इसके अलावा, पतंजलि किसानों को जल संरक्षण तकनीकों और टिकाऊ कृषि पद्धतियों के बारे में भी जानकारी प्रदान करती है।
पतंजलि किसानों को आर्थिक रूप से
सशक्त बनाने के लिए ईमानदारी से काम करने का तरीका बढ़ावा दे रही है । इसका ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि किसानों को उनकी जैविक रूप से उगाई गई फसलों का उचित और अच्छा मूल्य मिले, ताकि उनकी आय बढ़े। क्योंकि जैविक खेती में अधिक प्रयास की आवश्यकता होती है, इसलिए कभी-कभी लाभ उतना नहीं होता। यह कहा जा सकता है कि जैविक खेती में निवेश किया गया धन अच्छे और सुरक्षित भविष्य में निवेश है।
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