जिसे आप थूकना पसंद करते है, वो अमृत है, कैंसर सहित सेंकडो बीमारी ठीक करती है..
आयुर्वेद के हिसाब से आप जब भी सुबह उठे तो सबसे पहले पानी पीयें. यानी कि दिन की शुरुआत आप पानी से करें. इसी चीज़ को “उषापान” कहते हैं. उषापान का मतलब की सुबह चार बजे उठे और उठकर सबसे पहले पानी पीयें.
इसके दो कारण है. पहला कारण ये है कि जब हम रात को सोकर सुबह उठते है तो हमारे मुंह में लार की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है. और अगर हम पानी पी लेंगे तो ये लार अंदर चली जाएगी. इसलिए कभी भी सुबह उठकर दांत न धोएं और ना ही कुल्हा करें. क्योंकि ऐसा करने से वह लार बाहर थूकना पड़ जाता है. और सुबह की लार बहुत ज्यादा एल्कलाइन होती है. और शरीर में जाकर काफी सारे लाभ देती है. ये शरीर में जाकर पेट की सभी बिमारियों को खतम कर देगी, कटकी ये एसिड बनने हिनहि देगी. और सभी बीमारियाँ पेट से ही शुरू होती है.
राजीव जी ने बताया कि उन्हीने सुबह की लार को जब टेस्ट करके उसका ph निकाला तो वो 8.4 निकला. जिससे ये साबित होता है कि सुबह की बनी हुई लार में बहुत सारी मेडिसिनल प्रॉपर्टीज रहती हैं. बहुत सारे लोगो को आँखों के नीचे डार्क सर्किल हो जाते हैं. तो उनको राजीव जी सुजाव देते है कि अगर आँखों के नीचे डार्क सर्किल ठीक नही हो रहे है तो सुबह-सुबह की बनी लार को डार्क जगह पर लगा कर हल्की मालिश कीजिये कुछ ही दिन में वह ठीक हो जायेंगे.
अगर किसी की आंखें कमजोर है और वो चश्मा हटाना चाहते हैं तो सुबह की लार को आँखों में काजल की तरह लगाईये. आपका चश्मा उतर जायेगा. अगर शरीर में आपको कहीं चोट लग गयी है और वह जल्दी ठीक नही हो रही है तो वहां भी आप ये लार लगा दीजिये. असर बहुत जल्दी आपको दिखने लगेगा. अगर किसी को पिम्पल्स या कील, मोहासे और छायिया हो जाये या उनका चेहरा बहुत खराब दिखने लगे तो ऐसे में उनको सुबह की लार चेहरे पर लगानी चाहिए. ऐसा करने से उनके दाग भी मिट जायेंगे.
राजीव जी ने बताया कि एक बार उनके पास एक मरीज़ आया जिसका गर्म गर्म दूध से हाथ जल गया था. उसका जख्म तो ठीक हो गया लेकिन दाग नही गायब हो रहे थे. और उस मरीज़ को किसी भी तरह से वो दाग मिटाना था. क्योंकि वो एक लड़की थी और उसकी शादी होने वाली थी. उसके घरवाले परेशान थे कि ससुराल वालों ने देख लिया तो ना जाने क्या होगा. तो राजीव जी ने बोला की घरवालो को खुद ही बता दो सच. तो लडकी का कहना था कि वह बता नही सकती उन्हें उसका रिश्ता टूट ना जाये इसलिए उसको इस दाग से मुक्ति चाहिए. तो राजीव जी ने उस लडकी को लार लगाने की सलाह दी. उस लडकी ने रोज़ लार लगाना शुरू करदिया और 6-7 महीने में ही उसका दाग एकदम गायब हो गया.
आपको देखने में कभी आया है कि जानवरों को जब भी कभी चोट लगती है तो वह चाटने लगते हैं उस भाग को और चाट कर ही ठीक कर लेते हैं तो जानवरों का भी यही कहानी है जो मनुष्य की है जानवरों की लार भी एल्केलाइन है और चोट को चाट कर ऐसे ही वह ठीक कर लेता है. गाय अपने बच्चे को चाट चाट कर उसकी सारी बीमारी मिटा देती है मनुष्य भी कर सकता है बस इसमें थोड़ा सेंसफुल होने की जरूरत है.
राजीव भाई के पास दो पेशेंट ऐसे हैं जो कैंसर के लास्ट स्टेज में है उनके बचने की संभावना बिल्कुल ना के बराबर है क्योंकि उनकी लार ग्रंथियां बिल्कुल खत्म हो गई है अब उनको दूध भी पिलाओ चाय भी पिलाओ तो सब बाहर आ जाता है कुछ भी अंदर नहीं जाता क्योंकि लार ही नहीं है तो वह करोड़पति मुझसे कहते हैं कुछ बता दो. मैं कहता हूं, ज्यादा पैसा है अगर आपके पास तो अमेरिका से इंपोर्ट करो लार का पैकेट आता है अमेरिका में मिलता है.
अमेरिका में कुछ कंपनियां है जो लार का बिजनेस करती है वह मनुष्य का ही लार होता है जैसे शैंपू का पैकेट होता है ना वैसे ही वह उसमें भरकर बेचते हैं 5 मिलीग्राम का 1 पैकेट ₹10000 का है तो वह दोनों पेशेंट हर दिन कम से कम 10 से 12 पैकेट कंज्यूमर कर लेते हैं 60000से 70000 खर्च करते हैं लेकिन स्थिति अगले दिन फिर वही हो जाती है मुंह पूरा का पूरा सूखा रहता है एक दूसरे के लार किसी दूसरे को काम नहीं आती लेकिन वह अपने संतोष के लिए करते जरूर है.
आजकल कुछ जीवन बिमा कंपनियों ने बिमा एक नई चीज अपने नियमो में जोड़ी है. वो किसी का जीवन बिमा करने से पहले आपके मुह की लार की जाँच करवाते है अगर उसमे एल्कलाइन कम हुआ तो वो बिमा नहीं करेंगे क्योकि उनको पता है आपके जीने के चांस वैसे ही कम है. इसकी जानकारी आप इन्टरनेट पर ले सकते है
यह काम तो भगवान ने आपको यह व्यवस्था दी है तो इसको खराब मत करना यह व्यवस्था खराब कैसे होती है. लार सबसे ज्यादा कम तब बनती है जब आप किसी ऐसी वस्तु का उपयोग करें जो जो एंटी एल्केलाइन है. हमारे जीवन में आप जितने भी टूथपेस्ट करते हैं यह सब एंटी एल्केलाइन है यह सब आपके लार के उत्पन्न होने की क्षमता को घटा देते हैं कोलगेट हो क्लोजअप पेप्सोडेंट हो सिबाका हो यह सारे के सारे टूथपेस्ट ऐसे हैं जो एल्काइन को घटाते हैं इसलिए मेरी आप से रिक्वेस्ट है कि पेस्ट मत करिए क्योंकि आपकी लार बनना कम हो जाएगी.
आप कहेगे पेस्ट में ऐसा क्या है जो लार को घटाता है. पेस्ट में एक केमिकल मिलाया जाता है जिसका नाम है सोडियम लॉरेंस सल्फेट यह सोडियम लारेल सल्फेट को जहर माना जाता है. ये लार ग्रंथि को सुखा देता है इसलिए दुनिया में जो भी सेंसिबल डॉक्टर से दांतों के डेंटिस्ट वह सब प्रेस करते हैं ब्रश पर कभी पेस्ट नहीं लगाना चाहिए.
तो दोस्तों सब बातो का इलाज लार सकता है. और इस लार को कभी कम न होने दे. इसलिए जब भी उठे सबसे पहले पानी पीयें ताकि लार की मात्रा ज्यादा से ज्यादा आपके अंदर जाए.
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