Tulsi Vivah 2024: शिव नगरी में है तुलसी माता मंदिर, जहां सुहागिन महिलाएं करती हैं पूजा, मोदी जी भी गए हैं यहां

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वाराणसी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक तुलसी मानस मंदिर, जिसे तुलसी बिरला मानस मंदिर भी कहते हैं, वाराणसी शहर में दुर्गा मंदिर के बहुत करीब दुर्गाकुंड में स्थित है। इस मंदिर को 1964 में सफेद संगमरमर से बनाया गया था, जिसके आसपास खूबसूरत बगीचे भी बनाए गए हैं। मंदिर में राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की खूबसूरत मूर्तियां भी हैं।

माना जाता है कि यह मंदिर उसी स्थान पर बनाया गया है जहां प्रसिद्ध और महान भारतीय महाकाव्य रामचरितमानस की रचना संत गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। मंदिर की दीवार पर रामचरितमानस की कई चौपाई भी देखी जा सकती हैं। बता दें, इस साल तुलसी विवाह 12 नवंबर 2024 को है और अगर आप इस दिन वाराणसी शहर में हैं, तो एक बार यहां जरूर जाएं। तुलसी विवाह के दौरान, काफी संख्या में सुहागिन महिलाएं भी पूजा करने के लिए यहां आती हैं। यही नहीं यहां मोदी दी भी दर्शन के लिए जा चुके हैं। चलिए जानते हैं मंदिर के बारे में कुछ और रोचक जानकारी। (All photo credit: wikimedia commons)
मंदिर का निर्माण कब हुआ

लोगों का कहना है ये मंदिर पहले छोटा सा हुआ करता था। साल 1964 में कोलकाता के एक व्यापारी सेठ रतनलाल सुरेका ने इस मंदिर का निर्माण करवाया। मंदिर का उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा किया था। मंदिर में एक तरफ माता अन्नपूर्णा और शिवजी हैं तो दूसरी तरफ भगवान सत्यनारायण का मंदिर भी है। तुलसी मानस मंदिर सफेद संगमरमर से बना है और इसमें रामचरितमानस के छंदों और दृश्यों की नक्काशी भी की गई है। नक्काशियां इस तरह की गई हैं, कि यहां आने वाले भक्त मंदिर में घूमते हुए दृश्य के रूप में कहानी के बारे में जान सकें।


पर्यटन के रूप में तुलसी मानस मंदिर

तुलसी मानस मंदिर वाराणसी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल भी है। वाराणसी, जिसे काशी या बनारस भी कहा जाता है, सदियों से भारत और दुनिया भर से तीर्थयात्रियों और यात्रियों को आकर्षित करता आ रहा है, जिसे अक्सर भारत की आध्यात्मिक राजधानी भी कहा जाता है। तुलसी मानस मंदिर का पर्यटन इतिहास वाराणसी के पर्यटन इतिहास के साथ जुड़ा हुआ है, जहां हर साल पर्यटक बनारस घूमने के साथ-साथ इस मंदिर में भी आना पसंद करते हैं।


तुलसी माता मंदिर खुलने और आरती का समय

तुलसी मानस मंदिर सुबह 5:30 बजे से 12 बजे खुलता है और दोपहर 3:30 बजे से रात के 9 बजे तक खुला रहता है। अगर आरती में शामिल होना चाहते हैं, तो सुबह 6 बजे से और शाम की 4 बजे की टाइमिंग में मंदिर पहुंच सकते हैं। समय में बदलाव सीजन और त्योहार की वजह से बदल सकता है, तो वाराणसी पहुंचने के बाद मंदिर के बारे में पहले से जानकारी रखें।


कैसे पहुंच सकते हैं तुलसी मंदिर

तुलसी मानस मंदिर जाने के लिए आपको वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचकर दुर्गाकुंड जाना होगा। स्टेशन से 7 किमी की दूरी पर मौजूद दुर्गाकुंड के पास मंदिर है, बनारस की भीड़भाड़ से भरे माहौल से हटकर ये मंदिर शांति का प्रतीक माना जाता है।