चीन से चुन-चुनकर बदला ले रहा भारत, ऐपल को 'हथियार' बनाकर ऐसे काट दी पड़ोसी की जेब
चीन ने हमेशा भारत की पीठ पर खंजर घोंपना चाहा है। ड्रैगन अपने हर उस मंसूबे को कामयाब बनाना चाहता है, जो भारत को नुकसान पहुंचाए। लेकिन गुजरे 10 साल में पासा ऐसा पलटा है कि चीन अपने ही बिछाए जाल में फंसता जा रहा है। इस दफा तो भारत ने उसे ‘ऐपल अटैक’ दिया है। आंकड़े बता रहे हैं कि चीन में ऐपल के आईफोन शिपमेंट में भारी गिरावट आई है। आसान भाषा में समझाएं तो पड़ोसी देश में पहले जितनी ज्यादा तादात में ऐपल फोन्स बनते थे, उनका शिपमेंट यानी दूसरे देशों को सप्लाई तेजी से घटी है।
इस दौरान भारत में ऐपल फोन्स का प्रोडक्शन तेज हुआ है। आंकड़े यह भी बता रहे हैं कि ऐपल चीन में इकलौता स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर है, जिसका शिपमेंट वहां कम हुआ है। जाहिर तौर पर भारत ने ऐपल को हथियार बनाकर पड़ोसी की जेब काट दी है। पहले समझिए आंकड़ों का खेलआईडीसी का डेटा बताता है कि इस साल की तीसरी तिमाही में चीन में ऐपल के शिपमेंट में 9 फीसदी की कमी हो गई है। इस दौरान चीन का स्मार्टफोन मार्केट बढ़ा है, लेकिन आईफोन का शिपमेंट कम होने से उसे बड़ा झटका लगा है, क्योंकि ज्यादातर आईफोन्स तैयार होकर बाहर सप्लाई किए जाते हैं।
आंकड़ों से पता चला है कि जिस दौरान ऐपल का शिपमेंट चीन में कम हुआ है, उसी दौरान शाओमी ने 40 फीसदी की बढ़ोतरी हासिल की है। कहा जा रहा है कि ऐपल ने चीन सरकार की सब्सिडी का फायदा नहीं उठाया। 98 लाख आईफोन कम बने चीन मेंचीनी स्मार्टफोन शिपमेंट मार्केट में ऐपल की हिस्सेदारी 17 फीसदी से ज्यादा थी, जो अब 13 फीसदी पर आ गई है। बीती तिमाही में वहां 98 लाख आईफोन कम बने। रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि क्यों ऐपल ने चीनी सरकार की सब्सिडी का फायदा नहीं उठाया। पर ऐसा लगता है कि आईफोन मेकर चीन से बाहर निकलने का मन बना चुकी है।
अमेरिका और चीन के बीच जिस तरह का तनाव है उसने ऐपल समेत तमाम अमेरिकी कंपनियों को चीन से बाहर भारत और दुनिया के बाकी देशों में अपना प्रोडक्शन बढ़ाने को प्रेरित किया है। चीन को पीछे छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा भारतस्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग में चीन को पीछे छोड़ने में भारत कोई कसर नहीं छोड़ रहा। ऐपल की बात अब किसी से छुपी नहीं। दुनिया जान गई है कि ऐपल के फोन धड़ल्ले से भारत में बन रहे हैं। आईफोन बनाने वाली प्रमुख कंपनी फॉक्सकॉन ने उत्तर प्रदेश में नया प्लांट लगाने पर काम शुरू कर दिया है।
ऐपल के अन्य मैन्युफैक्चरर भी भारत में अपना प्रोडक्शन बढ़ा रहे हैं, जिससे चीन को तगड़ी चोट पहुंच रही है। यही वजह है कि ऐपल की पोजिशन चीन में पांचवें नंबर पर चली गई है। लगातार सातवीं तिमाही में ऐपल का शिपमेंट चीन में कम हुआ है।
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