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कौन हैं हरमिलन बैंस, कभी करना चाहती थी आत्महत्या, अब मॉडलिंग में करियर बनाएंगी भारत की यह एथलीट

नई दिल्ली: हाल में हुए पेरिस ओलंपिक में भाग नहीं ले पाना स्प्रिंटर हरमिलन बैंस के लिए इतना निराशाजनक था कि एशियाई खेलों में दो बार पदक जीतने वाली यह एथलीट आत्महत्या करने के बारे में सोचने लगी थी। अब उस कठिन दौर से बाहर निकलने के बाद यह 26 साल की यह खिलाड़ी मॉडलिंग जैसे दूसरे करियर विकल्प की तलाश कर रही है। हरमिलन पिछले साल चीन में हुए एशियाई खेलों में भारतीय एथलेटिक्स टीम की स्टार खिलाड़ियों में से एक थीं जब उन्होंने 800 मीटर और 1500 मीटर में दो पदक जीते थे।

हालांकि इस पूरे सत्र में वह चोटों से परेशान रहीं, जिससे पेरिस ओलंपिक में जगह बनाने की उनकी उम्मीदें धराशाई हो गईं। हरमिलन ने कहा, 'मैं पेरिस ओलंपिक में भाग लेना चाहती थी और मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। लेकिन लगातार चोटें लगीं और इससे मेरा प्रदर्शन प्रभावित हुआ।' उन्होंने कहा, 'पेरिस ओलंपिक में भाग नहीं ले पाने के बाद मैं डिप्रेशन में थी, मैं कुछ भी नहीं सोच पा रही थी। यहां तक कि आत्महत्या करने का विचार भी मेरे दिमाग में आया और मैं खेल छोड़ना चाहती थी।'


क्वीन के नाम से जानी जाती हैं हरमिलन बैंस

हरमिलन को ‘क्वीन’ के नाम से जाना जाता है क्योंकि उनके सोशल मीडिया हैंडल पर भी ‘द क्वीन’ टैग है। इस समय उन्हें ‘ग्रेड 2बी’ हैमस्ट्रिंग टियर है और उन्होंने स्वीकार किया कि उनका एथलेटिक्स करियर अनिश्चित है। वह सर्जरी करवा सकती हैं और इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। इस साल की शुरुआत में उन्हें टखने की चोट (पेरोनियल टेंडोनाइटिस) लगी थी जिसे ठीक होने में पांच हफ्ते लगे थे। जून में उन्हें हैमस्ट्रिंग में खिंचाव हुआ जो बाद में एक टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के बाद बढ़ गया।



उन्होंने मोहाली स्थित अपने घर से कहा, 'मैं इतनी हताश थी कि मैं पॉइंट हासिल करना चाहती थी और ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना चाहती थी कि मैंने चोट के साथ (ब्रिटेन में) एक रेस में भाग लिया। यह शुरू में ग्रेड 1 हैमस्ट्रिंग टियर था, लेकिन अब यह ग्रेड 2बी है, मतलब यह करीब ग्रेड 3 है।' उन्होंने कहा, 'मैं एक और स्कैन करवाऊंगी और फिर सर्जरी के बारे में फैसला करूंगी। किसी भी स्थिति में मैं अगले नौ महीनों तक प्रतियोगिता के लिए शुरूआत नहीं कर पाऊंगी। इसलिए मैं लंबे समय तक प्रतिस्पर्धा शुरू नहीं कर पाऊंगी।'

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