Hero Image

पब्लिक में रोने-चिल्लाने वाले बच्चे को कैसे हैंडल करें, बिना मारे-पीटे ऐसे हो जाएगा शांत

​आपने कई बार मॉल्‍स, फैमिली फंक्‍शन या किसी रेस्‍टोरेंट में बच्‍चों को रोते या चीखते चिल्‍लाते हुए देखा होगा। बच्‍चे के इस व्‍यवहार के कारण हर पैरेंट को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। हालांकि, पैरेंट्स के लिए अपने बच्‍चे का गुस्‍सा झेलना आसान नहीं होता। खासकर जब आप किसी पब्‍लिक प्‍लेस में होते हैं, तब आपके पास उसे शांत कराने के बहुत ज्‍यादा विकल्‍प नहीं होते। इस स्थिति को पब्लिक मेल्‍टडाउन कहते हैं ।

​ऐसी स्थिति में कई पैरेंट गुस्‍से में बच्‍चे को डांट देते हैं। नेशनल ऑटिस्टिक सोसाइटी (NAS) के अनुसार, मेल्‍टडान तब होता है, जब बच्‍चा बहुत ज्यादा तनाव में हो और उसका खुद पर से कंट्रोल हट जाए। इस कंडीशन के दौरान बच्‍चा चीखने, रोने, मारने लगता है और कई मामलों में खुद को शारीरिक नुकसान भी पहुंचाता है। यहां बताए गए तरीकों से माता-पिता को बच्‍चे को कंट्रोल करने में हेल्प मिल सकती है।


बच्चों के व्यवहार में कैंसे लाएं बदलाव, देखें वीडियो​ ​
आपको शांति बनाए रखनी है

जब आपका बच्‍चा पब्लिक प्‍लेस पर इस कंडीशन से जूझ रहा हो, तो शांत रहना सबसे अच्‍छा उपाय है। गुस्‍सा करने या डांटने से स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए बिना कुछ किए सबसे पहले गहरी सांस लें और अपना स्‍ट्रेस कंट्रोल करने की कोशिश करें। आपका शांत रवैया बच्‍चे को कूल डाउन होने में मदद करेगा।


बच्‍चे पर से ध्‍यान हटाएं

बच्‍चा जिस कारण गुस्‍सा हुआ है, वहां से उसका ध्‍यान हटाने की कोशिश करें। ध्‍यान भटकाने के लिए आप उसे उसका पसंदीदा खिलौना दिला सकते हैं या फिर उसका फेवरेट खाना खिला सकते हैं। ऐसा करने से कुछ देर में बच्‍चा भूल जाएगा कि वह क्‍यों गुस्‍सा हुआ था और आपके साथ नॉर्मल हो जाएगा।


आपको भी बच्‍चे के इमोशंस समझने होंगे

बच्चों में मेल्‍टडाउन की शुरुआत 18 महीने की उम्र से हो जाती है। छोटे बच्‍चे अपनी जरूरतों को व्‍यक्‍त नहीं कर पाते, इसलिए व चीखने-चिल्‍लाने और रोने जैसी भावनाओं का सहारा लेते हैं। पेरेंट्स के लिए अच्‍छा है कि सबसे पहले उनकी फीलिंग को समझें और उन्‍हें कहें कि- 'मुझे पता है कि आप गुस्‍सा हैं।' उनके प्रति आपकी सहानुभूति से इस कंडीशन को हैंडल करने में मदद मिल सकती है।


उन्‍हें गले लगाएं

ऐसी स्थिति में बच्‍चे को आश्‍वासन और शारीरिक स्‍पर्श की जरूरत होती है। इसलिए जब भी उसका गुस्‍सा बेकाबू हो जाए, तो उसे गले लगा लें। गुस्‍सा शांत हो सकता है। इसके बाद उसकी पीठ को थपथपाएं। जल्‍दबाजी न करें, क्‍योंकि बच्‍चे को कूल डाउन होने में समय लग सकता है।


कारण जानने की कोशिश करें

बच्‍चे को डांटने या उस पर गुस्‍सा करने के बजाय कारण जानने की कोशिश करें, कि वह ऐसा क्‍यों कर रहा है। कई बार बच्‍चे भूख की वजह से चिड़चिड़ाने लगते हैं या कभी-कभी नींद के लिए भी रोने लग जाते हैं, इसलिए अगर आप किसी पब्लिक प्‍लेस में हैं, तो उसे भूखा ना रहने दें। बच्‍चे के गुस्‍से को कंट्रोल करने के लिए हेल्‍दी स्‍नैक्‍स उसे खिलाते रहें और उसे बोर न होने दें।

मेल्‍टाडाउन बच्‍चों को अलग-अलग परिस्थितियों से लड़ना सिखाता है। इसलिए थोड़े से धैर्य और उनके प्रति सहानुभूति देकर उन्‍हें अहसास दिला सकते हैं कि इस मुश्किल समय में आप हमेशा उनके साथ हैं।

READ ON APP