धड़कन का तेज या कम होना, हाथों में झुनझुनी, गंभीर होने से पहले समझें महिलाओं में मैग्नीशियम की कमी के संकेत

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मैग्नीशियम बॉडी के लिए सबसे जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स में से एक हैं। ये मिनरल फ्लूइड में मिलकर इलेक्ट्रिक चार्ज पैदा करता है। बॉडी के लगभग 300 बायोकेमिकल रिएक्शन में इसका अहम रोल होता है, जो सेहत के लिए जरूरी है। इसमें कैल्शियम, कॉपर, जिंक, पोटैशियम, और विटामिन डी जैसे न्यूट्रिएंट के लेवल को कंट्रोल करना भी शामिल है।

हाल ही में 'फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन' में छपी एक स्टडी में मैग्नीशियम सप्लीमेंट और पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के कनेक्शन के को लेकर डराने वाले दावे किए गए हैं। बता दें कि महिलाओं में मैग्नीशियम की कमी का रिस्क पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होता है। प्रेगनेंसी और हार्मोन रिलेटेड कंडीशन में इसका और ज्यादा बढ़ जाता है।

महिलाओं के लिए क्यों जरूरी मैग्नीशियम
पीसीओएस और मैग्नीशियम

हेल्थ साइंस रिपोर्ट्स में 2023 में पब्लिश हुई एक स्टडी से पता चलता है कि मैग्नीशियम की सप्लीमेंटेशन PCOS (पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) वाली महिलाओं में हाइपरएंड्रोजेनिज्म, हिर्सुटिज्म औरनींद की क्वालिटी में सुधारकरती है। ये सभी समस्याएं अक्सर हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी होती हैं।(फोटो-Freepik)​


प्रेगनेंसी के दौरान जरूरी

महिलाओं में प्रेगनेंसी और लैक्टेशन के दौरान, मैग्नीशियम की जरूरत बढ़ जाती है। मैग्नीशियम कोख में पल रहे बच्चे के नर्वस सिस्टम के विकास के लिए जरूरी होता है। यह प्रीमेच्योर डिलीवरी जैसे प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशन के रिस्क को घटाता है। साथ ही जेस्टेशनल डायबिटीज से भी बचाता है।(फोटो-Freepik)


पीरियड्स के लक्षणों को कंट्रोल करता है

मैग्नीशियम हार्मोन्स को बैलेंस रखने में मदद करता है। खासकर PMS (प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम) का सामना कर रही महिलाओं में। यहपीरियड्स के दौरान होने वाले मूड स्विंग, सूजन और दर्द को भी कम करता है।(फोटो-Freepik)​


मेनोपॉज के साइड इफेक्ट से आराम

महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हार्ट प्रॉब्लम होने के रिस्क काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं। ऐसे में मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और हार्ट बीट को स्टेबल रखने का काम करता है। स्टडी से पता चला है कि मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को कम कर सकते हैं।(फोटो-Freepik)


ऐसे पहचानें मैग्नीशियम की कमी

क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार , मैग्नीशियम की कमी से मांसपेशियों में ऐंठन, थकान, और चिंता जैसे लक्षण हो सकते हैं। गंभीर मामलों में, यह नर्वस सिस्टम से संबंधी समस्याएं जैसे झुनझुनी और दौरे का कारण भी बन सकता है। साथ ही धड़कन का तेज या कम होना भी इसका एक लक्षण है।(फोटो-Freepik)


महिलाओं में मैग्नीशियम की कमी का कारण

खराब लाइफस्टाइल मैग्नीशियम की कमी का सबसे बड़ा कारण है। प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन, स्ट्रेस के साथ हार्मोनल कंडीशन जैसे पीरियड्स, प्रेगनेंसी और मेनोपॉज भी इसकी कमी का कारण बनते हैं।(फोटो-Freepik)


मैग्नीशियम की कमी से बचा सकते हैं ये फूड्स

हरी पत्तेदार सब्जियां, मेवे और बीज, डार्क चॉकलेट, एवोकाडो, केला, साबुत गेहूं, टोफू जैसे फूड्स में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम मौजूद होता है। इसके सेवन से आप नेचुरल तरीके से इस मिनरल की कमी से बच सकते हैं।(फोटो-Freepik)