'पापा, मैं निर्दोष हूं, अपने आप को जेल जाता नहीं देख सकता' बॉस के टॉर्चर से परेशान युवक का खौफनाक कदम

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जयपुर: जयपुर के एक व्यक्ति ने अपने घर में ही जहर खाकर सुसाइड कर लिया। मृतक के अंतिम संस्कार के बाद घरवालों ने उसके कमरे को संभाला तो तकिए के नीचे दो पेज का सुसाइड नोट लिखा हुआ मिला। सुसाइड नोट देखकर परिवार वाले हैरान रह गए। सुसाइड नोट में लिखा था कि उसकी कंपनी का बॉस उसे बहुत ज्यादा टॉर्चर कर रहा था। टॉर्चर से परेशान होकर ही वह सुसाइड करने के लिए मजबूर हुआ है। सुसाइड का यह मामला झोटवाड़ा थाने क्षेत्र में बैनाड़ रोड़ स्थित आनंद विहार बी कॉलोनी का है। 35 वर्षीय मुकेश कुमार जांगिड़ ने शनिवार देर रात को आत्महत्या की थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। जितना लड़ सकता था लड़ा, अब थक गया हूंझोटवाड़ा एसीपी सुरेंद्र सिंह राणावत ने मुकेश कुमार जांगिड़ एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था। पिछले करीब 15 साल से वह एक ही कंपनी में था। कंपनी का ऑफिस विद्याधर नगर के सेंट्रल स्पाइन में है। दो पेज का सुसाइड नोट मिलने के बाद 14 अप्रैल को परिवार वालों ने झोटवाड़ा थाने में केस दर्ज कराया है। ऑफिस में बॉस द्वारा मुकेश को प्रताड़ित किए जाने के आरोप लगाए गए हैं। जो दो पेज का नोट मिला है उसमें यही लिखा था कि जितना लड़ सकता था लड़ा लेकिन अब वह थक गया है। इसलिए बॉस दिलीप चौहान और राजेश अरोड़ा के कारण उसे यह कदम उठाना पड़ रहा है। पापा मैं निर्दोष हूं, खुद को जेल जाते नहीं देख सकतासुसाइड नोट में कंपनी के मार्फत हुए एक एग्जाम में गड़बड़ियां होने की बातें लिखी गई है। लिखा है कि गड़बड़ियां करने वाले कोई और थे लेकिन नाम मुकेश कुमार का लगा दिया गया। उसी मामले को लेकर बॉस दिलीप सिंह और राजेश अरोड़ा आए दिन धमकाते रहते थे। खाली कागजों पर उससे जबरन दस्तखत करा लिए और आए दिन टॉर्चर करने लगे। सुसाइड नोट में अपने पापा को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि पापा, मैं निर्दोष हूं इसलिए अपने आप को जेल जाते हुए नहीं देख सकता। जांच अधिकारी रामसिंह ने बताया कि ऑफिस में हुए घटनाक्रम के बारे में घरवालों को पहले कुछ भी पता नहीं था। मुकेश ने हर बात परिवार वालों से छिपा रखी थी ताकि परिवार वाले मानसिक रूप से परेशान ना हों। आप मान लोगे लेकिन लोग ताने मारेंगेसुसाइड नोट में लिखा है कि पापा आप लोग को मेरी बात मान लोगे कि मैं सही हूं लेकिन लोग नहीं मानेंगे। कंपनी की ओर से सारी गलतियों का जिम्मेदार मुझे ही ठहरा दिया है। अगर पुलिस कार्रवाई होगी तो कंपनी की ओर से पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी और मुझे गिरफ्तार करके जेल में भेजा जाएगा। आगे लिखा है कि मैं निर्दोष हूं, खुद को जेल जाते हुए देख नहीं सकता। पुलिस का कहना है कि मुकेश 8 अप्रैल से ऑफिस नहीं जा रहा था। शायद वह इसी मामले को लेकर मानसिक तनाव में था। सॉरी, मैं बीच रास्ते छोड़कर जा रहा हूंअपनी पत्नी के लिए सुसाइड नोट में लिखा है कि रेखा, मुझे माफ कर देना, मैं बीच रास्ते में छोड़कर जा रहा हूं। पापा, मम्मी, रेखा, बबलू, पुचू सॉरी, मैं यह लाइफ खत्म कर रहा हूं। रेखा बीच रास्ते में छोड़कर जा रहा हूं, इसके लिए सॉरी। मैंने तुझे दिन में बताया था कि ऑफिस में यह सब चल रहा है, लेकिन पापा-मम्मी को बताने के लिए मैंने ही मना किया था। मैं नहीं चाहता कि वो परेशान हों, लेकिन इन सभी बातों का अब कोई लेना-देना नहीं है। जीवन अनमोल है, आत्महत्या कोई समाधान नहींअगर आप या आपका कोई परिचित मानसिक तनाव या अवसाद से गुजर रहा है और आत्महत्या जैसे विचार आ रहे हैं, तो तुरंत मदद लें। देशभर में कई हेल्पलाइन सेवाएं उपलब्ध हैं:📞 वन लाइफ 78930-78930📞 जीवन आस्था हेल्पलाइन 1800 233 3330📞 iCall (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज) – 9152987821 नोट:
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