'मिर्जापुर' में बबलू पंडित मर जाएगा... व्रिकांत मैसी को नहीं थी ये खबर, 6 साल बाद बोले- स्क्रिप्ट नहीं दी थी
वेब सीरीज 'मिर्जापुर' में गुड्डू पंडित और कालीन भैया के साथ-साथ बबलू पंडित भी अहम किरदार था। इस कैरेक्टर ने लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बना ली थी लेकिन पहले ही सीजन में उसे मार दिया गया था। अब विक्रांत मैसी ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। बताया है कि जब उन्हें बबलू के साथ क्या होने वाला है, उसके बारे में जब पता चला तो वह दुखी हो गए थे। उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें कॉन्ट्रैक्ट साइन करने से पहले सीजन की पूरी स्क्रिप्ट नहीं दी गई थी। और बाद में पता चला कि उनका किरदार इसी सीजन में खत्म हो जाएगा। फेय डिसूजा से बात करते हुए विक्रांत मैसी ने कहा, 'जब मेरे किरदार को मार दिया गया तो मैं थोड़ा निराश था क्योंकि मेरे दिमाग में एक अलग ही कुछ चल रहा था। यह मेरे लिए बहुत बड़ी सीख थी, क्योंकि उसके बाद मैंने ये ठान लिया और अब मैं स्क्रिप्ट को आखिरी शब्द तक पढ़ता हूं या कॉन्ट्रैक्ट पर तब तक साइन नहीं करता, जब तक मुझे पता न हो कि मुझे क्या करने के लिए कहा गया है। थोड़ी गलतफहमी हुई थी। क्योंकि यह एक लंबा फॉर्मैट है, लेखन प्रक्रिया थकाऊ है और यह तब तक चलती रहती है जब तक आप शूटिंग कर रहे होते हैं।' विक्रांत मैसी ने नहीं पढ़ी थी 'मिर्जापुर' की पूरी स्क्रिप्टविक्रांत मैसी ने आगे बताया, 'मैंने मिर्जापुर इसलिए साइन किया क्योंकि मेरा शो के प्रोडक्शन हाउस एक्सेल एंटरटेनमेंट के साथ अच्छा बॉन्ड है। उन लोग मुझे दिल धड़कने दो में कास्ट किया था। जोया अख्तर, फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी ने मुझ पर एक और चांस लिया, जब किसी ने नहीं लिया। मैंने मौखिक रूप से हां कहा और मैंने 6 एपिसोड की स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। फिर जब मैंने बाद के एपिसोड की स्क्रिप्ट पढ़ी, तो मैं ऐसा था, कि ये क्या हैय़ उन्होंने मुझसे कहा, हमें लगा कि आपने आगे पढ़ा है? मैंने कहा, जब हमने साइन किया तो मुझे नहीं लगता कि मुझे आखिरी दो एपिसोड दिए गए थे। यह गलतफहमी थी, और मुझे थोड़ा और सावधान रहना चाहिए था।'
लोगों ने विक्रांत मैसी को घेर लिया थाविक्रांत मैसी ने बताया कि एक बार वह लखनऊ में शूटिंग कर रहे थे जहां फऐंस की भीड़ ने उन्हें छेंक लिया था। 'मैं लखनऊ में रामप्रसाद की तेरहवीं की शूटिंग कर रहा था। आधी रात को मिर्जापुर लाइव हो गया। मैं सुबह 7 बजे फिल्म की शूटिंग के लिए गया था और जब तक मैंने दिन की शूटिंग खत्म की और शाम 7 बजे निकल रहा था, तब तक गेट पर सैकड़ों लोग थे। उन 17-18 घंटों में आधे लखनऊ ने मिर्जापुर देख लिया था और किसी तरह उन्हें पता चल गया कि बबलू भैया यहां शूटिंग कर रहे हैं और वो फिल्म के सेट पर आ गए।'
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