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अमेरिका में रहना-पढ़ना होगा मुश्किल? जानें इमिग्रेशन को लेकर क्या है डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस की राय

US President Election: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में बस अब दो महीने से भी कम का वक्त बचा हुआ है। 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे, जो ये तय करेंगे कि देश की कमान किसे मिलेगी। इस बार मुकाबला पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और वर्तमान उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच है।
अमेरिकी चुनाव पर भारत समेत दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि नया राष्ट्रपति नए कानून भी लेकर आने वाला है। इससे चिंताएं बढ़ भी रही हैं।अमेरिकी चुनाव पर भारत के वो लोग खास नजर रख रहे हैं, जिन्हें आने वाले दिनों में अमेरिका पढ़ने या काम करने के सिलसिले से जाना है। इस बात की चर्चा जोरों पर है कि अगर ट्रंप की अमेरिका में वापसी होती है तो देश में दाखिल होने के लिए इमिग्रेशन कानूनों को कड़ा कर दिया जाएगा। इससे विदेशी कामगारों के साथ-साथ छात्रों पर भी असर पड़ने वाला है। कमला हैरिस को लेकर कहा जा रहा है कि उनके राष्ट्रपति बनते ही इमिग्रेशन को लेकर उदारवादी नीति अपनाई जाएगी।
ऐसे में आइए जानते हैं कि दोनों नेताओं का इमिग्रेशन को लेकर क्या रुख है। इमिग्रेशन को लेकर कमला हैरिस का क्या रुख है?उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने 2021 में प्रवासन की मूल वजहों की बात की थी। उन्होंने ज्यादा प्रगतिशीत इमिग्रेशन पॉलिसी की वकालत भी की थी। कमला हैरिस अमेरिकी नागरिकता के लिए 'अर्न्ड पाथवे' को सपोर्ट करती हैं। वह बॉर्डर समझौता कानून को फिर से लाना भी चाह रही हैं, जो शरण प्रक्रिया में खामियों को दूर करेगा और राष्ट्रपति को बॉर्डर को बंद करने का अधिक अधिकार देगा।अगस्त में डेमोक्रेटिक नेशनल कंवेंशन के दौरान कमला हैरिस ने कहा था, "हम नागरिकता के लिए अर्न्ड पाथवे बना सकते हैं और अपने बॉर्डर को सुरक्षित कर सकते हैं।
मैं उस द्विदलीय बॉर्डर सिक्योरिटी बिल को वापस लाऊंगी, जिसे उन्होंने (डोनाल्ड ट्रम्प) खत्म कर दिया था। मैं उस पर साइन करके उसे कानून बना दूंगी।" उन्होंने बार-बार देश के वर्तमान इमिग्रेशन सिस्टम को टूटा हुआ बताया है और कहा है कि इसमें सुधार की जरूरत है।2019 में कमला हैरिस ने ट्रंप के परिवार को अलग करने वाली नीति को मानवाधिकार हनन बताया था। ट्रंप सरकार अवैध तरीके से अमेरिकी बॉर्डर पार कर देश में दाखिल होने वाले लोगों और उनके बच्चों को अलग रख रही थी। कमला हैरिस अगर राष्ट्रपति बनती हैं तो इमिग्रेशन और वीजा नियमों में ढील दी सकती है।
नागरिकता पाने और वीजा हासिल करने का रास्ता सुगम हो सकता है, जिसका फायदा भारतीयों को भी मिलने वाला है। डोनाल्ड ट्रंप का इमिग्रेशन को लेकर क्या एजेंडा हैं?पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह बड़े पैमाने पर लोगों को डिपोर्ट करेंगे और जन्मजात नागरिकता के नियम को खत्म कर देंगे। उन्होंने 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन या एमएजीए' एजेंडे पर चलने की बात की है। अवैध इमिग्रेशन पर ट्रंप का रुख बिल्कुल साफ है। ट्रंप ने वादा किया है कि अगर उन्हें राष्ट्रपति बनाया जाता है तो वह अवैध इमिग्रेशन पर बड़ी कार्रवाई करने वाले हैं।
उनकी चुनावी अभियान वाली वेबसाइट के मुताबिक, वह अवैध आप्रवासियों को हिरासत में लेने और उन्हें डिपोर्ट करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को तैनात करेंगे। ट्रंप ने कहा है, "मेरे नेतृत्व में हम अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़े डिपोर्टेशन ऑपरेशन को अंजाम देंगे। इसके लिए जरूरी पड़ने पर राज्य, स्थानीय, संघीय और सैन्य संसाधनों का इस्तेमाल किया जाएगा।" ट्रंप ने वादा किया है कि वह बड़े बड़े पैमाने पर लोगों को डिपोर्ट करने के लिए सेना को तैनात करेंगे। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ट्रंप की योजना शरणार्थी कार्यक्रम को निलंबित करने और मुस्लिम-बहुल देशों से प्रवेश पर रोक लगाने की है।
वह 'मेक्सिको में ठहरने' की नीति को वापस लाना चाहते हैं, जिसके तहत शरणार्थियों को मेक्सिको में इंतजार करना पड़ेगा, जब तक कि उन्हें अमेरिका एंट्री नहीं देता है। अमेरिका में अगर डोनाल्ड ट्रंप की वापसी होती है तो वह वीजा नियमों को भी कड़ा करने वाले हैं। ऐसे में अमेरिका में दाखिल होना बेहद ही मुश्किल हो सकता है। इसका असर भारतीयों पर भी पड़ने वाला है।

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