MBBS के लिए रूस में पढ़ना क्यों फायदे का सौदा है? 5 प्वाइंट्स में समझें
सरकारी कॉलेज में सीट नहीं मिलने पर बहुत से छात्र प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने के लिए फीस अफॉर्ड नहीं कर पाते हैं। ऐसे में वह विदेश जाना पसंद करते हैं, क्योंकि कई सारे मुल्कों में सस्ते में एमबीबीएस की जा सकती है। विदेश से पढ़ाई करने पर छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन किफायती दाम में मिल जाती है। कई देश भारतीय संस्थानों की तुलना में कम फीस पर मेडिकल एजुकेशन मुहैया कराते हैं। रूस भी ऐसा ही एक देश है। आइए जानते हैं क्यों भारतीयों को रूस से MBBS करना चाहिए।
रूस में अन्य देशों की तुलना में मेडिकल एजुकेशन काफी ज्यादा किफायती है। इस वजह से ये उन छात्रों के लिए बेहतरीन विकल्प है, जो भारत में प्राइवेट कॉलेजों की मोटी ट्यूशन फीस नहीं भर सकते हैं। रूस में कई सारे मेडिकल कॉलेज ऐसे हैं, जहां आप भारत के मुकाबले सस्ते में एमबीबीएस कर सकते हैं। (Pexels)
दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी
रूस में कई सारी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज मौजूद हैं, जो दुनियाभर में अपने मेडिकल कोर्सेज के लिए जानी जाती हैं। रूस के टॉप संस्थानों में सेचेनोव यूनिवर्सिटी, मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी, पिरोगोव रशियन नेशनल रिसर्च मेडिकल यूनिवर्सिटी, आरयूडीएन यूनिवर्सिटी और सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी शामिल हैं। (Pexels)
अडवांस इंफ्रास्ट्रक्चर
रूस के संस्थानों में आपको मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा। यहां के मेडिकल कॉलेज शानदार फैसिलिटी और उपकरणों से लैस हैं। यहां पढ़ने पर छात्रों को हाई-टेक माहौल में प्रैक्टिकल करने का मौका मिलता है, जो उन्हें मेडिकल करियर के दौरान सामने आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करती है। (Pexels)
इंग्लिश-मीडियम कोर्सेज
रूस की बहुत सी यूनिवर्सिटीज में MBBS की पढ़ाई अंग्रेजी में करवाई जाती हैं। इस वजह से विदेशी छात्र बिना भाषा की चुनौतियों का सामना किए बिना आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं। छात्रों को अंग्रेजी बोलने वाले माहौल में पढ़ने से ज्यादा परेशानी नहीं होती है और वह पढ़ाई पर फोकस कर पाते हैं। (Pexels)
रूस की शानदार संस्कृति
रूस की समृद्ध संस्कृति और इतिहास, इसके गर्मजोशी भरे और स्वागत योग्य वातावरण के साथ, इसे अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक बेहतरीन देश बनाती है। मैत्रीपूर्ण माहौल छात्रों को घर जैसा महसूस करने में मदद करता है। इससे छात्रों को विदेश में लाइफ के साथ तालमेल बिठाने में भी मदद मिलती है। (Pexels)