अमेरिका-चीन की लड़ाई से भारत में ये कैसी 'बाढ़' आने का डर? एक्शन में आई सरकार

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नई दिल्‍ली: सरकार ने एक नया समूह बनाया है। यह समूह देखेगा कि क्या दूसरे देशों से भारत में बहुत ज्‍यादा सामान आ रहा है। अमेरिका ने चीन और वियतनाम जैसे देशों पर ज्‍यादा टैरिफ लगाया है। इसलिए ये देश बड़े पैमाने पर अपना सामान भारत में भेज सकते हैं। चीन ने भी अमेरिका के सामान पर टैरिफ लगाया है। इससे अमेरिका का कृषि सामान भारत में ज्‍यादा आ सकता है।
वाणिज्य मंत्रालय ने इसलिए 'आयात वृद्धि निगरानी समूह' बनाया है। यह समूह देखेगा कि क्या भारत में अचानक से ज्‍यादा सामान आ रहा है। अगर ऐसा होता है तो सरकार कार्रवाई कर सकती है।वाणिज्य विभाग के एक बड़े अधिकारी एल सत्य श्रीनिवास ने यह जानकारी दी। उन्होंने पत्रकारों से बताया, 'दुनिया में टैरिफ को लेकर अनिश्चितता है। इसलिए डर है कि भारत में आयात बढ़ सकता है। इस पर ध्यान रखने के लिए यह समूह बनाया गया है।' डंपिंग-रोधी शुल्क लगा सकता भारत श्रीनिवास ने बताया कि अगर किसी चीज का आयात असामान्य रूप से बढ़ता है तो वाणिज्य मंत्रालय डंपिंग-रोधी शुल्क लगा सकता है।
डंपिंग-रोधी शुल्क का मतलब है कि अगर कोई देश अपना सामान भारत में बहुत कम दाम पर बेचता है तो सरकार उस पर टैक्स लगा सकती है। इससे भारतीय कंपनियों को नुकसान से बचाया जा सकता है। सरकार सेफगार्ड ड्यूटी भी लगा सकती है। सेफगार्ड ड्यूटी या रक्षोपाय शुल्क का मतलब है कि अगर किसी चीज का आयात बहुत ज्‍यादा बढ़ जाता है तो सरकार उस पर टैक्स लगा सकती है। इससे भारतीय उद्योगों को बचाया जा सकता है। आयात पर रखी जाएगी पैनी नजर यह समूह हर हफ्ते और हर महीने सामान और देशों के हिसाब से आयात पर नजर रखेगा। श्रीनिवास ने कहा, 'अगर कोई असामान्य उछाल है तो हम इसके कारणों को समझना चाहेंगे।' यानी अगर किसी चीज का आयात अचानक से बहुत ज्‍यादा बढ़ जाता है तो सरकार यह पता लगाएगी कि ऐसा क्यों हो रहा है।इस समूह में कई विभागों के लोग शामिल हैं।
वाणिज्य विभाग, डीजीएफटी, सीबीआईसी और डीपीआईआईटी के अधिकारी इसमें हैं। जरूरत पड़ने पर दूसरे मंत्रालयों के अधिकारियों से भी सलाह ली जाएगी।मंत्रालय ने कहा है कि दुनिया में व्यापार को लेकर तनाव है। ऐसे में भारत में सामान डंप होने का खतरा है। डंपिंग का मतलब है कि कोई देश अपना सामान भारत में बहुत कम दाम पर बेचता है।अमेरिका में सामान महंगा हो रहा है। इसलिए चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देश भारत में अपना सामान भेज सकते हैं। अमेरिका ने चीन के सामान पर 145 फीसदी का भारी शुल्क लगाया है। चीन ने भी अमेरिका के सामान पर 125 फीसदी शुल्क लगाया है।
इससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध शुरू हो गया है।श्रीनिवास ने कहा कि सरकार हर स्थिति पर नजर रख रही है। अगर भारत में ज्‍यादा सामान आता है तो सरकार जरूरी कदम उठाएगी। सरकार का मकसद है कि भारतीय उद्योगों को किसी तरह का नुकसान न हो।