चीन का अमेरिका से बंधेगा बोरिया बिस्तर! भारत पर भी पड़ेंगी छींटे, क्यों चिंता में डाल रहा ट्रंप का नया टैरिफ?
नई दिल्ली: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप कुछ समय बाद राष्ट्रपति पद संभाल लेंगे। इसके बाद वह ऐसे काम शुरू कर सकते हैं तो भारत समेत कई एशियाई देशों को चिंता में डाल देंगे। इसमें टैरिफ की दर बढ़ाना भी शामिल है। माना जा रहा है कि सत्ता संभालने के बाद ट्रंप चीन पर 100 फीसदी तक टैरिफ शुल्क लगा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो चीन की अमेरिका के साथ व्यापारिक हिस्सेदारी काफी हद तक खत्म हो सकती है।
कई कंपनियां अमेरिका से कारोबार समेट सकती हैं। वहीं ट्रंप एशिया के दूसरे देशों के लिए भी टैरिफ से संबंधित चिंताएं पैदा कर सकते हैं। क्या है टैरिफ शुल्क?पहले बात करते हैं कि आखिर यह टैरिफ शुल्क क्या है। दुनिया के कई देशों के बीच अपने-अपने देश के सामान की खरीद-बिक्री की जाती है। जब किसी देश की कोई कंपनी किसी दूसरे देश में कोई सामान बेचती है तो वहां की सरकार टैरिफ शुल्क लगाती है। इसे एक तरह से आयात टैक्स मान सकते हैं। यह टैरिफ शुल्क चुकाने की जिम्मेदारी उस कंपनी की होती है तो सामान बेचती है।
अगर शुल्क बढ़ाया जाता है तो वह कंपनी महंगा सामान उस देश में बेचेगी। अगर सामान महंगा बिकेगा तो उसे उस देश में खरीदने वाले काफी कम होंगे। ऐसे में कंपनी के कारोबार पर असर पड़ेगा और उसका प्रोडक्शन गिरेगा। अमेरिका भी शायद यही चाहता है। ट्रंप की मंशा होगी कि चीन के प्रोडक्ट अमेरिका में या तो बिके नहीं और बिकें भी तो कम। ऐसे में वह दूसरे देशों या अपने देश की कंपनियों को बढ़ावा दे सकते हैं। टैरिफ शुल्क कम करने के लिए कंपनियां अपने देश की सरकार पर दबाव बनाती हैं कि वह उस देश से बात करे जो टैरिफ शुल्क ज्यादा ले रहा है।
ऐसे में बात डिप्लोमेसी तक पहुंच जाती है। क्या है नई चिंता?डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुने जाने से चीन और संभवतः अन्य एशियाई देशों पर नए टैरिफ को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक भले ही अमेरिका-चीन व्यापार घाटा कम हुआ हो, लेकिन अन्य एशियाई देशों का अमेरिका के साथ निर्यात बढ़ गया है। ऐसे में आशंका है कि ट्रंप एशिया के इन देशों पर भी ज्यादा टैरिफ शुल्क लगा सकते हैं। क्या है ट्रंप की नीति?ट्रंप की टैरिफ से जुड़ी नीतियां अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करने के इर्द-गिर्द घूमती हैं।
इसका सीधा सा मतलब है कि अमेरिका प्रमुख एशियाई देशों से वस्तुओं पर आयात टैक्स में तेजी कर सकता है। चीन इस बढ़े हुए टैरिफ का खामियाजा भुगत चुका है। ऐसे में अब इसका असर भारत समेत दक्षिण कोरिया, ताइवान और वियतनाम जैसे देशों पर पड़ सकता है। भारत पर क्या पड़ेगा असर?भारत अमेरिका को कई चीजें निर्यात करता है। इनमें डायमंड, मेडिकल उपकरण, ज्वैलरी, एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स, चावल, कपड़े आदि हैं। पिछले कुछ समय में भारत का भी अमेरिका में निर्यात बढ़ गया है। ऐसे में ट्रंप की नजर भारत पर भी हो सकती है।
अगर ट्रंप भारत के भी टैरिफ शुल्क में बढ़ोतरी करते हैं तो यह न केवल भारतीय कंपनियों के लिए, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छी खबर नहीं होगी। भारत पर टैरिफ शुल्क बढ़ाने से भारतीय कंपनियों को अपने प्रोडक्ट की कीमत बढ़ानी पड़ेगी। ऐसे में हो सकता है कि उन कंपनियों के प्रोडक्ट की बिक्री न हो और प्रोडक्शन ठप हो जाए। ऐसा होने पर देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है।
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