PM E-DRIVE से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में उछाल, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर जोर
PM E-DRIVE Ke Faayde: देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने और इसे अपनाने को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की तरफ से भी काफी सारी कोशिशें होती हैं और इनमें से एक है पीएम ई-ड्राइव, जो कि सब्सिडी प्रोग्राम है। केंद्र सरकार की पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि देश में चलाई जा रही इस योजना की वजह से बीते कुछ महीनों के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिली है। ईवी अपनाने के लिए प्रोत्साहन जरूरीइलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) और पीएम ई-ड्राइव (PM E-DRIVE) योजनाओं जैसी पहलों के माध्यम से इस वित्त वर्ष, यानी 2024-25 में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री बढ़कर 5,71,411 यूनिट हो गई है। इसी अवधि के दौरान, ई-रिक्शा और ई-कार्ट समेत इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर्स की बिक्री 1164 यूनिट तक पहुंच गई, जबकि L5 कैटिगरी में इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स की बिक्री 71,501 यूनिट तक पहुंच गई। किसे किस तरह के फायदेआपको बता दें कि केंद्र सरकार की इस स्कीम का मकसद 24.79 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स को प्रोत्साहन देना है। हालांकि, सिर्फ अडवांस बैटरी से लैस इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को ही इसमें शामिल किया गया है। बिजनेस के पर्पज से रजिस्टर्ड और प्राइवेट ऑनरशिप वाले इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स इस योजना का फायदा उठा सकते हैं।
पीएम ई-ड्राइव स्कीम को करीब 3.2 लाख इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है, जिसमें रजिस्टर्ड ई-रिक्शा या ई-कार्ट और एल5 कैटिगरी के वाहनों को भी शामिल किया गया है। योजना को 1 अक्टूबर से 31 मार्च 2026 तक के लिए लागू किया गया है। एयर क्वॉलिटी को बेहतर करने के प्रयासभारी उद्योग मंत्रालय की मानें तो पीएम ई-ड्राइव स्कीम का लक्ष्य ही इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की दिशा में तेजी लाना है। इसके अलावा, सरकार जरूरी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर भी ध्यान दे रही है। इस योजना के साथ परिवहन से जुड़े पर्यावरणीय प्रभावों को कम कर एयर क्वॉलिटी को बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह योजना भारत को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर अहम भूमिका निभा रही है।
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