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एकता की भावना ने हमें फाइनल जीतने में मदद की: हरमनप्रीत सिंह

भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि एकता की भावना के कारण हमने मंगलवार को हुलुनबुइर में हुए फाइनल मुकाबले में चीन को मात देकर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता।आखिरी दस मिनट में हुए एकमात्र गोल के कारण पहली बार फाइनल खेल रही मेजबान चीन के सामने हॉकी इंडिया अपने खिताब का बचाव कर पाया।

हरमनप्रीत ने कहा, “फाइनल वास्तव में बहुत रोमांचक था, पूरे खेल में चीनी खिलाड़ी हम पर हावी होने का प्रयास कर रहे थे और हमें गोल करने का मौका बनाना वास्तव में मुश्किल हो रहा था, लेकिन पिछले एक साल में टीम ने एक-दूसरे पर बहुत भरोसा कायम किया है। पिछले वर्ष चेन्नई में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में स्वर्ण पदक, हांग्जो एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलंपिक 2024 से कांस्य पदक ने टीम के भीतर एक गहरी मित्रता की भावना पैदा की है। हम एक-दूसरे के लिए मरने को तैयार हैं। यह एकता की भावना ही थी जो हमें आश्वस्त करती थी कि हम मिलकर खेलते हुए जीतने का कोई रास्ता खोज लेंगे।”

उन्होंने कहा, “हमें अपना खिताब बरकरार रखने पर गर्व है, लेकिन अभी काम बंद नहीं हुआ है। हमें कुछ क्षेत्रों में सुधार करने की आवश्यकता है, हमें अपनी टीम में भी गहराई लाने की जरूरत है। टीम थोड़े समय के ब्रेक के बाद वापस शिविर में लौटेगी और अपने समर्थकों को फिर से गौरवान्वित करने के लिए फिर से टूर्नामेंटों की तैयारी शुरू करेगी।”

टीम के उप कप्तान विवेक सागर प्रसाद ने कहा, “ग्रुप स्तर के सभी टीमों के खिलाफ खेलना कठिन था। ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद हमारी पीठ पर तमगा लगा था, हम ही वह टीम थी जिसे हराना था। लेकिन टीम के हर एक खिलाड़ी ने दिखाया कि हम अपने विरोधियों से आगे निकल गए हैं। युवा खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया, कृष्ण और सूरज ने बारी-बारी से हमें मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला, डिफेंडर भरोसेमंद रहे और मिडफील्डर और फॉरवर्ड ने मैदान पर धमाल मचाया। कुल मिलाकर, यह बहुत मजेदार था।”

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