दुनियाः इंडोनेशिया में ज्वालामुखी लेवोटोबी फटा, 10 लोगों की मौत और चीन के 3 अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित लौटे

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इंडोनेशिया में ज्वालामुखी लेवोटोबी फटा, 10 लोगों की मौत

इंडोनेशिया में रविवार को ज्वालामुखी लेवोटोबी के फटने से 10 लोगों की मौत हो गई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी बीएनपीबी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने सोमवार को बताया कि इंडोनेशिया के पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत में रविवार देर रात ज्वालामुखी लेवोटोबी फट गया था, जिसमें 10 लोग मारे गए। अब्दुल मुहारी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, इनमें से नौ शव बरामद किए गए हैं, जबकि एक शव मलबे में फंस गया है।"

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने मुहारी के हवाले से बताया कि ज्वालामुखी विस्फोट के कारण बड़े पैमाने पर लोगों को निकाला गया है, जिसमें सात गांवों से 10,000 से अधिक प्रभावित निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मुहारी ने बताया कि स्थानीय निवासियों को ज्वालामुखी के आसपास 7 किलोमीटर के खतरे वाले क्षेत्र में प्रवेश करने से मना किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए बचाव अभियान जारी है। हालांकि, उन्होंने लापता लोगों की संख्या नहीं बताई।

मुहारी ने जोर देते हुए कहा, "ज्वालामुखी के 7 किलोमीटर के दायरे में सिर्फ बचाव कर्मियों को जाने की अनुमति है, जो लापता पीड़ितों की तलाश कर रहे हैं।" मुहारी ने कहा कि आपातकालीन राहत प्रयासों में मदद के लिए स्थानीय सरकार ने 4 नवंबर से 31 दिसंबर 2024 तक आपात स्थिति की घोषणा की है। इस बीच, बीएनपीबी के प्रमुख और कर्मचारियों के प्रभावित क्षेत्र में सोमवार रात तक पहुंचने की उम्मीद है, जहां वह आपदा प्रतिक्रिया समन्वय प्रयासों का नेतृत्व करेंगे। प्रांतीय आपदा प्रबंधन और मिटिगेशन एजेंसी के विश्लेषक रिचर्ड फेल्ट ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि विस्फोट के कारण रिहायशी इलाकों में आग लग गई है। माउंट लेवोटोबी इंडोनेशिया के 127 सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है।

अंतरिक्ष स्टेशन से 6 महीने बाद चीन के 3 अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर सुरक्षित लौटे

निचली कक्षा में अंतरिक्ष स्टेशन विकसित करने के कार्य में छह महीने बिताने वाले तीन चीनी अंतरिक्ष यात्री सोमवार रात पृथ्वी पर सुरक्षित लौट आए। मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियानों से जुड़ी चीनी एजेंसी ने यह जानकारी दी। अंतरिक्ष यात्री ये गुआंगफू, ली कांग और ली गुआंगसु को लेकर अंतरिक्ष यान ‘शेनझोउ-18’ का कैप्सूल रात 1:24 बजे (बीजिंग समयानुसार) उत्तरी चीन के इनर मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र में डोंगफेंग स्थल पर उतरा। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि 192 दिन तक कक्षा में रहने के बाद तीनों अंतरिक्ष यात्रियों का स्वास्थ्य ठीक है और ‘शेनझोउ-18’ मानवयुक्त मिशन सफल रहा।

शेनझोउ-18 के मिशन कमांडर गुआंगफू एक वर्ष से अधिक के संचयी अंतरिक्ष उड़ान समय वाले पहले चीनी अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं। उन्होंने एक चीनी अंतरिक्ष यात्री के रूप में कक्षा में सबसे लंबे समय तक रहने का नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। उन्होंने अक्टूबर 2021 से अप्रैल 2022 तक ‘शेनझोउ-13’ मिशन में अंतरिक्ष यात्री के रूप में कार्य किया था। गुआंगफू ने कहा, ‘‘चीनी अंतरिक्ष यात्रियों ने क्रमिक अभियानों में अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी है। मेरा मानना है कि निकट भविष्य में कक्षा में अवधि का रिकॉर्ड टूट जाएगा।’’

कोर्ट में सुनवाई के दौरान रो पड़ीं इमरान की पत्नी बुशरा

पाकिस्तान की एक अदालत में सोमवार को उस समय भावुक दृश्य देखने को मिला जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी फूट-फूट कर रोने लगीं और उन्होंने न्याय प्रणाली को अक्षम ठहराते हुए जेल में बंद अपने पति को ‘‘अन्यायपूर्ण तरीके से सजा’’ दिये जाने के आरोप लगाए। बुशरा बीबी विभिन्न थानों में दर्ज छह मामलों में अपने पति और एक अन्य मामले में खुद के लिए जमानत के वास्ते इस्लामाबाद जिला मजिस्ट्रेट अफजल मजोका की अदालत में पेश हुईं।

रावलपिंडी की अडियाला जेल में हुई सुनवाई के दौरान खान को अदालत में पेश नहीं किया गया। उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भी पेश होने की अनुमति नहीं दी गई। अदालती कार्यवाही के दौरान बुशरा भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले नौ महीनों से न्याय की जिम्मेदारी संभालने वालों द्वारा अन्याय का सामना कर रही हूं। मुझे और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक (इमरान खान) को अन्यायपूर्ण तरीके से सजा सुनाई गई।’’

खान का जिक्र करते हुए बुशरा बीबी ने कहा, ‘‘जेल के अंदर जो व्यक्ति बंद है, क्या वह इंसान नहीं है? क्या किसी न्यायाधीश को यह दिखाई नहीं देता है।’’ उन्होंने कहा कि वह इस अदालत में दोबारा नहीं आएंगी, जहां ‘‘न्याय नहीं मिलता है।’’ बुशरा को तोशाखाना मामले में जमानत मिलने के बाद पिछले महीने जेल से रिहा कर दिया गया था, लेकिन खान अभी भी जेल में हैं।

पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने बलूचिस्तान में तीन 'आतंकियों' को किया ढेर

पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी राज्य बलूचिस्तान में पुलिस, सुरक्षा बलों और आतंकवाद निरोधी विभाग (सीटीडी) ने एक संयुक्त ऑपरेशन चला कर तीन आतंकियों को मार गिराया। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। सीटीडी ने एक बयान में कहा कि यह घटना रविवार को प्रांत के मुसाखेल जिले में हुई, जहां कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने सड़क किनारे 'आतंकवादियों' की संभावित गतिविधि के बारे में सूचना मिलने के बाद अभियान चलाया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, बयान में कहा गया कि अभियान के दौरान उस समय गोलीबारी शुरू हो गई जब सुरक्षा बलों का सामना प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के 10 से 12 'आतंकवादियों' से हुआ। इसमें कहा गया कि 'आतंकवादियों' को मार गिराया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। बाकी घटनास्थल से भाग गए। बयान में कहा गया कि भाग रहे "आतंकवादियों" को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है।

बयान के मुताबिक अभियान के दौरान आतंकवादियों से हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया, शवों को अस्पताल ले जाया गया और गिरफ्तार 'आतंकवादियों' से पूछताछ की जा रही है। पाकिस्तान के लिए आतंकवाद एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। अक्टूबर के दौरान देश में अलग-अलग आतंकी हमलों में कुल 198 लोग मारे गए और 111 अन्य घायल हो गए। इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (पीआईसीएसएस) ने शनिवार को यह जानकारी दी।

पीआईसीएसएस की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, आतंकवादी हमलों की संख्या में मामूली कमी के बावजूद, 'अक्टूबर' वर्ष का दूसरा सबसे घातक महीना बनकर उभरा है। इससे पहले अगस्त है जब ऐसी घटनाओं में 254 लोग मारे गए और 150 अन्य घायल हुए। मारे गए लोगों में 89 आतंकवादी, 62 सुरक्षाकर्मी और 38 नागरिक शामिल हैं, जबकि हमलों में 56 नागरिक, 44 सुरक्षाकर्मी और 11 आतंकवादी घायल हुए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार थिंक टैंक ने कहा कि पिछले महीने आतंकवादियों और सुरक्षा बलों की सबसे अधिक मौतें दर्ज की गईं, जिनमें से 81 प्रतिशत मौतें लड़ाकों की हुईं। पीआईसीएसएस के आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर में 68 घटनाओं के साथ आतंकवादी हमलों में 12 प्रतिशत की कमी आई, लेकिन सितंबर की तुलना में मौतों की संख्या में 77 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

हैरिस और ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर: चुनावी सर्वेक्षण

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव संबंधी हालिया सर्वेक्षण में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर है। हैरिस (60) डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं और 78 वर्षीय ट्रंप राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं। चुनाव जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को निर्वाचक मंडल के 270 वोट की जरूरत होती है। हालिया सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि चुनाव का फैसला सात राज्यों एरिजोना, नेवादा, विस्कॉन्सिन, मिशिगन, पेंसिल्वेनिया, उत्तरी कैरोलाइना और जॉर्जिया के नतीजों से होगा। इनमें से मिशिगन और पेंसिल्वेनिया 270 के आंकड़े तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ और ‘सिएना कॉलेज’ के सर्वेक्षणों में पाया गया है कि हैरिस उत्तरी कैरोलाइना और जॉर्जिया में ताकत हासिल कर रही हैं, जबकि ट्रंप ने पेंसिल्वेनिया में उनकी बढ़त का सिलसिला थाम दिया है और एरिजोना में अपनी बढ़त बनाए रखी है। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार, सर्वेक्षण बताते हैं कि हैरिस अब नेवादा, उत्तरी कैरोलाइना और विस्कॉन्सिन में मामूली बढ़त पर हैं, जबकि ट्रंप एरिजोना में आगे हैं। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मिशिगन, जॉर्जिया और पेंसिल्वेनिया में दोनों नेताओं के बीच कांटे की टक्कर है।’’