BJP सरकार ने महंगाई से मुंह मोड़ा, महंगाई पर संसद का विशेष सत्र बुलाए और 'श्वेत पत्र' जारी करे सरकार: कांग्रेस

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कांग्रेस ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि महंगाई के मुद्दे पर सरकार को संसद का व़िशेष सत्र बुलाने के साथ ही ‘श्वेत पत्र’ जारी करना चाहिए।

अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने सरकार से यह भी आग्रह किया कि रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल के दाम को तुरंत कम किया जाए, जरूरी सामानों की कीमतों पर नियंत्रण के लिए सख्त नीति लाई जाए तथा महिलाओं और गरीब परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जाए।

लांबा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार ने महंगाई से मुंह मोड़ लिया है। इनका एकमात्र लक्ष्य है कि कैसे सरकारी और निजी कंपनियों की जेब भरी जाए। देश का आम आदमी इस महंगाई का खामियाजा भुगत रहा है।’’

उन्होंने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार और वर्तमान मोदी सरकार के तहत पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम की तुलना भी की।

लांबा का कहना था, ‘‘वर्ष 2014 में पेट्रोल की कीमत 72 रुपये प्रति लीटर थी, लेकिन आज यही आंकड़ा 98 से 100 रुपये प्रति लीटर तक है। कांग्रेस सरकार में डीजल 55 रुपये प्रति लीटर था, जबकि बीजेपी की सरकार में 88 रुपये प्रति लीटर हो गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क प्रति लीटर 9.20 रुपये था, आज वही बढ़कर 19.90 रुपये हो गया है। 2014 में डीजल पर उत्पाद शुल्क 3.46 रुपये था, आज वही बढ़कर 15.80 रुपये हो गया है। कांग्रेस सरकार में कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी, लेकिन आज 65.31 डॉलर प्रति बैरल है।’’

लांबा ने कहा कि कांग्रेस महंगाई के खिलाफ देश भर में आंदोलन कर रही है और देश की महिलाएं महंगाई से त्रस्त हैं और वे इस आंदोलन में जुड़ रही हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि जनता से लूट-खसोट करके कुछ कंपनियों को मुनाफा पहुंचाया जा रहा है, जिनसे बीजेपी को चंदा लेना है।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि इस मामले में कैग ऑडिट किया जाए। अगर ऐसा नहीं होगा तो साफ हो जाएगा कि इस पूरे मामले में भाजपा की मिलीभगत है।’’

लांबा ने कहा, ‘‘एलपीजी, पेट्रोल और डीजल के दाम को तुरंत कम किया जाए, जरूरी सामानों की कीमतों पर नियंत्रण के लिए सख्त नीति लाई जाए, महिलाओं और गरीब परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जाए, महंगाई पर चर्चा के लिए संसद में विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए, जिसमें श्वेतपत्र जारी किया जाए।’’