आगरा में करणी सेना के सम्मेलन में हंगामा, राणा सांगा पर बयान को लेकर बवाल

उत्तर प्रदेश के आगरा में शनिवार को आयोजित करणी सेना का ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन’ भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया। यह कार्यक्रम महान राजपूत योद्धा राणा सांगा की जयंती के अवसर पर कुबेरपुर मैदान में आयोजित किया गया था, जहां हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
सांसद के बयान से भड़के कार्यकर्ता, माहौल हुआ अशांतसम्मेलन के दौरान माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया जब समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के एक पुराने बयान को लेकर कार्यकर्ता नाराज़ हो गए। उन्होंने सांसद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कुछ लोगों ने पुलिस के सामने ही तलवारें व डंडे लहराए।
आगरा में करणी सेना का शक्ति प्रदर्शन शुरू. भारी भीड़ है.
— Himanshu Tripathi (@thimanshut)
रामजीलाल सुमन ने संसद में कथित रूप से कहा था कि "राणा सांगा के बुलावे पर ही बाबर भारत आया और इब्राहिम लोदी को हराया", जिसे करणी सेना के सदस्यों ने राजपूत गौरव का अपमान माना।
पुलिस को पीछे हटना पड़ा, प्रशासन रहा सतर्कस्थिति बिगड़ती देख पुलिस को मौके से पीछे हटना पड़ा। हालांकि, एडिशनल कमिश्नर सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वहां मौजूद थे, फिर भी भीड़ के आक्रोश ने प्रशासन को असहज कर दिया। तत्काल अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
पुलिस पहले से अलर्ट पर थी क्योंकि आयोजकों ने दावा किया था कि कार्यक्रम में तीन लाख से अधिक लोग शामिल होंगे, लेकिन जिस तरह से स्थिति बेकाबू हुई, उससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।
करणी सेना ने बयान को बताया अपमानजनककरणी सेना के नेताओं और समर्थकों ने सांसद के बयान की तीखी निंदा की। उनका कहना है कि राणा सांगा के बलिदान और शौर्य को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सांसद से माफी की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
फिलहाल प्रशासन सतर्क है और हर गतिविधि पर नज़र रखी जा रही है। हालांकि कोई घायल या गिरफ्तारी की खबर सामने नहीं आई है, लेकिन तलवारें लहराने जैसे दृश्य प्रशासनिक गंभीरता की मांग करते हैं।
जिम्मेदार बयान और शांतिपूर्ण विरोध समय की मांगयह घटना दिखाती है कि राजनीतिक बयानबाजी कितनी संवेदनशील हो सकती है और जनता की प्रतिक्रिया कितनी तीव्र। ऐसे में नेताओं को जिम्मेदारी से बोलने और लोगों को शांति बनाए रखने की जरूरत है। अब सबकी नजर प्रशासन पर है कि वह इस मामले को किस तरह से संभालता है।