पेटीएम की 'फर्स्ट गेम्स' कंपनी उद्योग-व्यापी विवाद के बीच जीएसटी नोटिस पर रिट फाइल करेगी

नई दिल्ली, 29 अप्रैल . पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशन लिमिटेड ने कहा है कि उसकी सहायक कंपनी ‘फर्स्ट गेम्स टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड’ को जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से ‘कारण बताओ नोटिस’ मिला है.
कंपनी को 28 अप्रैल, 2025 को मिला यह नोटिस वर्तमान में चल रहे जीएसटी मामले से जुड़ा है, जो ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में 18 महीने से अधिक समय से समीक्षाधीन है.
डीजीजीआई का कहना है कि गेमिंग कंपनियों द्वारा अर्जित प्लेटफॉर्म शुल्क या राजस्व पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी के बजाय कुल प्रवेश राशि पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाना चाहिए.
स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में पेटीएम ने जोर देकर कहा कि यह एक उद्योग-व्यापी मुद्दा है और कई दूसरे ऑनलाइन गेमिंग ऑपरेटरों को पहले भी इस तरह के नोटिस मिल चुके हैं.
यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिसने कई गेमिंग कंपनियों द्वारा दायर रिट पिटीशन पर सुनवाई के बाद पहले जारी किए गए नोटिस पर आगे की कार्यवाही पर रोक लगाकर अंतरिम राहत प्रदान की है.
पेटीएम ने अपनी फाइलिंग में कहा, “फर्स्ट गेम्स भी कानूनी आधार पर एससीएन को चुनौती देने वाली रिट पिटीशन दायर करेगा, जिसमें 1 अक्टूबर, 2023 के जीएसटी संशोधन के पूर्वव्यापी आवेदन और/या संशोधन से पहले जीएसटी विनियमों की व्याख्या शामिल है.”
याचिका में दूसरे गेमिंग ऑपरेटरों को दी गई अंतरिम राहत के अनुरूप अंतरिम राहत मांगी जाएगी.
फर्स्ट गेम्स को जारी एससीएन में जनवरी 2018 से मार्च 2023 की अवधि के लिए लागू ब्याज और दंड के साथ 5,712 करोड़ रुपए की जीएसटी देने का प्रस्ताव है.
पेटीएम ने स्पष्ट किया है कि इस घटनाक्रम से उसके संचालन या दूसरी गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
कंपनी ने कहा, “फर्स्ट गेम्स को लागू अकाउंटिंग स्टैंडर्ड के तहत ग्रुप कंसोलिडेशन उद्देश्यों के लिए एक संयुक्त उद्यम माना जाता है और इसलिए इसके राजस्व को ओसीएल के साथ कंसोलिडेट नहीं किया जाता है.”
इसमें कहा गया है कि 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए फर्स्ट गेम्स ने कंसोलिडेटेड लाभ/हानि में 1 प्रतिशत से भी कम का योगदान दिया.
फाइलिंग में यह भी बताया गया है कि फर्स्ट गेम्स में पेटीएम का इन्वेस्टमेंट वैल्यू 31 मार्च, 2024 तक पहले से ही शून्य है. 31 दिसंबर, 2024 तक फर्स्ट गेम्स के लिए ओसीएल का वित्तीय जोखिम लगभग 225 करोड़ रुपए है, जो मुख्य रूप से शेयरधारक ऋण (लागू ब्याज सहित) के रूप में है.
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एसकेटी/एबीएम
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