अचानक हिंदी छोड़ अंग्रेजी क्यों बोलने लगे पीएम मोदी? बिहार से आतंकवाद पर पूरे देश को करारा जवाब!..
Pahalgam Terrorist Attack: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार दौरे के दौरान पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह हमला भारत की आत्मा पर प्रहार है और इसके दोषियों को ऐसी सजा मिलेगी जो उनकी कल्पना से भी परे होगी. पीएम ने बिहार की धरती से न केवल देश, बल्कि पूरी दुनिया को यह संदेश दिया कि अब आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने का समय आ गया है.
पीएम मोदी ने कहा ‘जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों और इसकी साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी. अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है.’ उन्होंने जोर देकर कहा कि सजा मिलकर ही रहेगी. यह बयान न केवल आतंकियों, बल्कि उन्हें पनाह देने वालों के लिए भी एक सख्त चेतावनी है. पीएम ने हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी में भी यह बात दोहराई, जिससे उनकी बात वैश्विक मंच तक पहुंची.
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. पीएम ने कहा ‘इस हमले में किसी ने बेटा, किसी ने भाई, तो किसी ने जीवनसाथी खोया. कोई बंगाली था, कोई कन्नड़, कोई मराठी, कोई उड़िया, तो कोई बिहार का लाल. ये सभी अलग-अलग जगहों से थे. लेकिन हमारा दुख और गुस्सा एक जैसा है.’ उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की इच्छाशक्ति को रेखांकित करते हुए कहा ‘140 करोड़ भारतीयों की एकजुटता से आतंकियों और उनके आकाओं की कमर टूटेगी.’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत हर आतंकी को खोज निकालेगा और उसे कठोरतम सजा देगा. पीएम ने वैश्विक समुदाय से भी अपील की कि मानवता में विश्वास रखने वाले देश इस लड़ाई में भारत के साथ खड़े हों.
पीएम मोदी ने कहा ‘शांति और सुरक्षा तेज विकास की पहली शर्त है. विकसित भारत के लिए विकसित बिहार जरूरी है.’ उन्होंने बिहार से दुनिया को संदेश दिया कि भारत आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा. साथ ही उन्होंने उन देशों और नेताओं का आभार जताया जो इस मुश्किल समय में भारत के साथ खड़े हैं.
पाकिस्तान को बिना नाम लिए चेतावनीपाकिस्तान का नाम लिए बिना पीएम ने सख्त लहजे में कहा कि आतंकियों को पनाह देने वालों को इस बार ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि वे दोबारा ऐसी हिमाकत न कर सकें. यह बयान भारत की विदेश नीति और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है.
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