बच्चों में अधिक है मंकीपॉक्स होने का खतरा, इन 10 लक्षणों से समय पर करें पहचान….
एमपॅाक्स को ही मंकीपॉक्स कहा जाता है, यह सबसे पहले अफ्रीका के इलाको में फैली है। मंकीपॉक्स होने पर शरीर में कई तरह के संकेत दिख रहे हैं। वयस्कों के अलावा बच्चों को भी मंकीपॉक्स अपनी चपेट में ले रहा है। यह वायरस न सिर्फ अफ्रीका में तेजी से फैल रहा है, बल्कि विश्वभर के कई देशों में भी तेजी से फैल रहा है। एमपॅाक्स के शुरुआती लक्षण शरीर पर चेचक की तरह नजर आते हैं। हालांकि, इसकी शुरुआत अफ्रीका से हुई है। एमपॅाक्स से संक्रमित होने के बाद मरीजों को ठंड के साथ-साथ बुखार आना जैसे लक्षण दिखते हैं। इसके अलावा बच्चों में भी इसके कई लक्षण नजर आ सकते हैं, जिसपर ध्यान देकर बच्चों का इलाज समय पर शुरू कराया जा सकता है। आइए जानते हैं बच्चों में मंकीपॉक्स के दिखने वाले लक्षणों के बारे में विस्तार से-
एमपॅाक्स के ज्यादातर मामले अफ्रीका में देखे जा रहे हैं। हालांकि, विश्व के अन्य देशों में भी इसके मामले नजर आ रहे हैं। 2021 की गर्मियों में नाइजीरिया से संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के लिए गया था, कुछ दिन बाद वहां एमपॅाक्स का मामला देखने को मिला फिर कुछ समय बीत जाने के बाद अमेरिका यूरोप और अफ्रीका के बाहर के क्षेत्रों में इसका प्रकोप फैल गया।
मंकीपॉक्स किसी को भी हो सकता है, लेकिन नवजात शिशुओं और बच्चों में इससे संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है, क्योंकि उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसकी वजह से बच्चों को लेकर माता-पिता को अधिक सतर्क होने की जरूरत होती है।
बच्चों में मंकीपॉक्स के क्या हैं लक्षण?ठंड के साथ बुखार लगने के अलावा बच्चों में मंकीपॉक्स के कई अन्य लक्षण दिख सकते हैं, जैसे-
यदि आपके बच्चे में इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि आप अपने बच्चों का समय पर इलाज करा सकें।
एमपॅाक्स एक ऐसी बीमारी है, जिसका कोई उपचार करने की जरूरत नहीं होती। यह अपने आप एक सप्ताह या उससे अधिक में सही हो सकता है। हालांकि, इसके लक्षण दिखने पर डॉक्टर के पास तुरंत जाने की जरूरत होती है, ताकि स्थिति की गंभीरता को कम किया जा सके।
कैसे करें बचाव