सावधान! केदारनाथ और सोमनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को ऐसे शिकार बना रहे साइबर क्रीमिनल्स

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पिछले कुछ समय में साइबर फ्रॉड के मामले काफी बढ़ गए हैं। स्कैमर्स और साइबर क्रीमिनल्स नए नए तरीकों से लोगों को फंसाते हैं और उनकी मेहनत की कमाई साफ कर देते हैं। कई बार वे यूजर्स के डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल कर उनका बैंक अकाउंट साफ कर देते हैं। अब स्कैमर्स भोले भाले तीर्थयात्रियों को ठग रहे हैं। सरकार एजेंसी ने इसको लेकर लोगों को आगाह किया है। एजेंसी ने उस तरीके के बारे में श्रद्धालुओं को आगाह किया है और सावधान रहने के लिए कहा है।

सोमनाथ और केदारनाथ के टूर पैकेज के विज्ञापन:
साइबर दोस्त ने इस स्कैम को लेकर लोगों को आागह किया है। एजेंसी ने आगाह किया है कि फेक वेबसाइट और विज्ञापन के चक्कर में ना फंसे। दरअसल, कई फेक वेबसाइट और विज्ञापन सोमनाथ और केदरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को धार्मिक स्थल तक जाने का टूर पैकेज ऑफर कर रही हैं। एजेंसी ने श्रद्धालुओं को आगाह करते हुए कहा कि ये वेबसाइटें आपको आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। साथ ही यह भी कहा गया है कि ऑफिशियल वेबसाइट की मदद से ही बुकिंग करनी चाहिए।

मिलते-जुलते नाम से बनाते हैं फेक वेबसाइट:
स्कैमर्स और साइबर क्रीमिनल्स ऑफिशियल वेबसाइट से मिलते जुलते नाम से फेक वेबसाइट बनाते हैं, जिससे कि वे लोगों के बैंक अकाउंट में सेंधमारी कर सकें। आमतौर पर लोगों इन फर्जी वेबसाइट का पता नहीं चल पाता है। ये फेक वेबसाइट ऑफिशियल वेबसाइट की तरह ही दिखती हैं कि लोग धोखा खा जाते हैं। इसके बाद जब यूजर्स इन वेबसाइट पर जाते हैं तो वे साइबर स्कैमर्स का शिकार बन जाते हैं। यहां स्कैमर्स बैंक डिटेल्स या पेमेंट करने को कहते हैं, इसके बाद वे आपको आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते हैं।

कैसे पहचानें फेक वेबसाइट?
अगर आप भी सोमनाथ या केदारनाथ जाने का प्लान कर रहे हैं तो आपको भी सावधान रहने की जरूरत है। फेक वेबसाइद को पहचानने के लिए आपको उस वेबसाइट के आप URLs से लेकर वेबसाइट की डिजाइन तक को चेक करना होगा। सबसे पहले आप उस वेबसाइट का URL चेक करें। इसके लिए आप URL की स्पेलिंग आदि को चेक करी चाहिए। स्कैमर्स अक्सर ऐसे URL का उपयोग करते हैं जो असली साइट्स की नकल करते हैं और उसमें थोड़े बहुत बदलाव करते हैं।

डोमेन वेरिफाई करें:
अक्सर असली और वेलिड वेबसाइट ट्रस्टेड डोमेन (जैसे .com, .org) का यूज करते हैं। वहीं जो वेबसाइट .xyz, .top, या .info जैसे एक्सटेंशन का उपयोग करती हैं, उनसे सावधान रहना चाहिए। इसके साथ ही ध्यान रखें कि वेबसाइट के URL में HTTPS हो। दरअसल, HTTPS वाले यूआरएल सुरक्षित कनेक्शन को दर्शाता है। लेकिन ध्यान रखें कि कुछ स्कैमर्स के पोर्टल भी HTTPS का यूज कर सकती हैं।

वेबसाइट डिज़ाइन:
अक्सर स्कैमर्स द्वरा तैयार की गई वेबसाइट की क्वालिटी बहुत खराब होती है और उसमें कई जगह गलतियां भी देखने को मिलती हैं। इसके साथ ही वेबसाइट को चेक करने के लिए आप उसके दिए गए नंबर पर कॉल कर सकते हैं। कॉल कर आप उस वेबसाइट और पैकेज के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।

frauds targeting pilgrims of kedarnath and somnath

कैसे पहचानें फेक वेबसाइट?
अगर आप भी सोमनाथ या केदारनाथ जाने का प्लान कर रहे हैं तो आपको भी सावधान रहने की जरूरत है। फेक वेबसाइद को पहचानने के लिए आपको उस वेबसाइट के आप URLs से लेकर वेबसाइट की डिजाइन तक को चेक करना होगा। सबसे पहले आप उस वेबसाइट का URL चेक करें। इसके लिए आप URL की स्पेलिंग आदि को चेक करी चाहिए। स्कैमर्स अक्सर ऐसे URL का उपयोग करते हैं जो असली साइट्स की नकल करते हैं और उसमें थोड़े बहुत बदलाव करते हैं।

डोमेन वेरिफाई करें:
अक्सर असली और वेलिड वेबसाइट ट्रस्टेड डोमेन (जैसे .com, .org) का यूज करते हैं। वहीं जो वेबसाइट .xyz, .top, या .info जैसे एक्सटेंशन का उपयोग करती हैं, उनसे सावधान रहना चाहिए। इसके साथ ही ध्यान रखें कि वेबसाइट के URL में HTTPS हो। दरअसल, HTTPS वाले यूआरएल सुरक्षित कनेक्शन को दर्शाता है। लेकिन ध्यान रखें कि कुछ स्कैमर्स के पोर्टल भी HTTPS का यूज कर सकती हैं।

वेबसाइट डिज़ाइन:
अक्सर स्कैमर्स द्वरा तैयार की गई वेबसाइट की क्वालिटी बहुत खराब होती है और उसमें कई जगह गलतियां भी देखने को मिलती हैं। इसके साथ ही वेबसाइट को चेक करने के लिए आप उसके दिए गए नंबर पर कॉल कर सकते हैं। कॉल कर आप उस वेबसाइट और पैकेज के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।

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