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देश में साइबर अपराध रोकेंगे साइबर कमांडो

देश में साइबर अपराध रोकने के लिए पांच साल में पांच हजार साइबर कमांडो तैयार करने की बड़ी योजना पर कार्य चल रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर ‘सस्पेक्ट रजिस्ट्री’ बनाकर इससे राज्यों को जोड़कर साझा मंच बनाने की भी बड़ी योजना शुरू हुई है। इससे केंद्र और राज्य की एजेंसियों के बीच समन्वय से साइबर अपराध रोकने में मदद मिलेगी।

गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई फोर सी) के प्रथम स्थापना दिवस समारोह में चार प्रमुख साइबर प्लेटफॉर्म्स का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (सीएफएमसी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना थी, जिसका शुभारंभ हुआ है। इसके साथ-साथ साइबर कमांडो, समन्वय प्लेटफॉर्म और सस्पेक्ट रजिस्ट्री का भी शुभारंभ हुआ है।

गृहमंत्री ने बताया कि साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र बनाने का मकसद बैंक, वित्तीय संस्थान, टेलीकॉम कंपनी, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और पुलिस को एक मंच पर लाने का है, ताकि साइबर अपराध पर त्वरित कार्रवाई हो सके। आने वाले दिनों में यह साइबर अपराध की रोकथाम का प्रमुख प्लेटफॉर्म बनेगा।

गृह मंत्री ने कहा कि आज शुरू हुए चार इनीशिएटिव आई फोर सी और देशभर की पुलिस ने साथ मिलकर लिए हैं, ये साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई और पुख्ता, मजबूत और सफल बनाने में बड़ा योगदान देंगे।

गृह मंत्री ने कहा कि देश में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 31 मार्च 2014 को 25 करोड़ से बढ़कर 31 मार्च 2024 को 95 करोड़ हो गई थी। डाउनलोड स्पीड बढ़ने और लागत कम होने से डेटा की खपत में भी बढ़ोतरी हुई है। पहले औसत उपयोग 0.26 जीबी था जो लगभग 78 गुना बढ़ोतरी के साथ 20.27 जीबी हो गया है। डिजिटल इंडिया के इनीशिएटिव के कारण देश में कई सुविधाएं ऑनलाइन हो गई हैं। 35 करोड़ जनधन खाते और 36 करोड़ रुपे डेबिट कार्ड के साथ 2024 में 20 लाख 64000 करोड़ रुपए का लेनदेन डिजिटल माध्यम से हुआ है। विश्व का 46 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन वॉल्यूम भारत में हो रहा है। गृह मंत्री ने कहा कि जब डिजिटल अकाउंट और डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ते हैं, तो डिजिटल फ्रॉड से सुरक्षा की ज़रूरत भी बहुत अधिक बढ़ जाती है।

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