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पोलियो हुआ...समाज के ताने सुनती रही...नहीं हारी हिम्मत...अब पेरा ओलम्पिक में जीता पदक

सीकर की बेटी मोना अग्रवाल ने पेरिस में शूटिंग में ब्रॉन्ज पदक जीतकर इतिहास रचा है। मोना अग्रवाल के पदक जीतते ही सीकर तक खुशियां पहुंच गई।

**सीख: दो बच्चों से दूर रहकर की तैयारी, तीन खेल भी बदले फिर बढ़ाया देश का मान**

मोना अग्रवाल ने लगभग दस महीने बच्चों से दूर रहकर अभ्यास किया। मोना के पांच साल की बेटी आरवी व तीन साल का बेटा अविक है।

**संघर्ष: निजी कंपनी में नौकरी की, लेकिन नहीं छोड़ा खेलों को**

मोना अग्रवाल पोलिया से पीडि़त होने के बाद भी संघर्ष करती रही। एमबीए तक पढ़ाई करने के बाद 2017 में खेलों में कॅरियर शुरू किया।

**जुनून: सिटिंग वॉलीबॉल में देश की पहली महिला खिलाड़ी का रेकॉर्ड भी मोना के नाम**

मोना अग्रवाल का शुरू से सपना था कि खुद के संघर्ष के दम पर आगे बढ़ने का। इसके लिए मोना ने निजी क्षेत्र में जॉब शुरू कर दिया।

**देवेन्द्र झाझडि़या के बाद अब मोना अग्रवाल ने बढ़ाया खेलों में शेखावाटी मान**

यदि मन में कुछ करने का जूनून हो तो तमाम मुसीबतों को मात देकर इतिहास रचा जा सकता है। यह साबित कर दिखाया है सीकर निवासी मोना अग्रवाल ने।

**मोना अग्रवाल के पति रविन्द्र चौधरी भी पेरा खिलाड़ी है**

मोना के पति रविन्द्र चौधरी ने हमेशा खेलों में आगे बढ़ाने की सीख दी।

**सीकर में भी जश्न, छह महीने आई थी**

मोना अग्रवाल के पदक जीतने की खुशी में सीकर में भी जश्न रहा। रामलीला मैदान निवासी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि मोना ने सीकर व राजस्थान का नाम पूरी दुनिया में चमकाया है।

**इससे पहले झाझडिया बना रहे मान**

शेखावाटी के खिलाड़ी पहले भी देश को पेरा ओलम्पिक में पदक दिला चुके है। चूरू निवासी देवेन्द्र झाझडि़या ने वर्ष 2004, 2016 व 2021 पेरा ओलम्पिक में दो स्वर्ण और एक रजत पदक देश को दिला चुके है।

**इस बार बनाएंगे पदकों का रेकॉर्ड: झाझडि़या**

भारतीय दल बेहतरीन उम्मीदों के साथ मैदान पर उतरा है। हमारे खिलाडि़यों ने पदक जीतने का सिलसिला शुरू कर दिया है। इस बार भारत पेरा ओलम्पिक में पदक जीतने का रेकॉर्ड कायम करेगा।

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