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मंशिका प्रसाद: मिस फ़िजी का ख़िताब मिलना, छिनना और एक 'साज़िश'

Asvin Singh मंशिका प्रसाद (दाएं) और नादिन रॉबर्ट्स (बाएं)

फ़िजी में चल रही एक सौंदर्य प्रतियोगिता कुछ ही घंटों में विवादों से घिर गई.

24 साल की एमबीए छात्रा मंशिका प्रसाद को 'मिस फ़िजी' का ताज पहनाया गया लेकिन कुछ घंटों बाद यह ताज उतार भी लिया गया.

मंशिका प्रसाद भारतीय मूल की हैं.

भारत के सुदूर पूर्व में प्रशांत महासागर में स्थित फ़िजी में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं. फ़िजी में गन्ने के खेतों में काम करने के लिए हज़ारों लोगों को भारत से लाकर कभी बसाया गया था.

फ़िजी की सौंदर्य प्रतियोगिता के विवाद में एक संदिग्ध नाम सामने आया, जिसका एक प्रतियोगी के साथ व्यक्तिगत संबंध था.

BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें मंशिका प्रसाद को मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भाग लेने से रोका

मंशिका प्रसाद को 'मिस फ़िजी' का ख़िताब जीतने के दो दिनों बाद चला कि प्रतियोगिता में कुछ गड़बड़ है, जब 'मिस यूनिवर्स फ़िजी' ने एक प्रेस रिलीज़ जारी की.

इसमें कहा गया कि 'मिस फ़िजी' प्रतियोगिता में नियमों का गंभीर उल्लंघन हुआ है और प्रतियोगिता के नतीजे दोबारा जल्द ही सार्वजनिक किए जाएंगे.

इसके कुछ ही घंटों बाद मंशिका को बताया गया कि वो नवंबर में मिस यूनिवर्स ख़िताब में भाग लेने के लिए मैक्सिको नहीं जा सकेंगी.

उनकी जगह दूसरे स्थान पर रहने वाली सिडनी की नादिन रॉबर्ट्स को यह मौक़ा दे दिया गया.

30 साल की मॉडल नादिन प्रॉपर्टी डेवलपर हैं और उनकी माँ फिज़ी की हैं.

एमयूएफ़ की प्रेस रिलीज़ में आरोप लगाया गया कि प्रतियोगिता में सही प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया और एक 'फ़िजी इंडियन' प्रतियोगी मंशिका प्रसाद को मतदान में धांधली की वजह से चुना गया था.

आरोप लगाया गया कि मंशिका की जीत से कार्यक्रम के मैनेजर को वित्तीय लाभ होने वाला था.

इस विवाद के बाद मंशिका ने एक बयान जारी कर कहा कि वो सोशल मीडिया से ब्रेक ले रही हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी बहुत सी बातें हैं जिसके बारे में लोगों को पता नहीं है.

इस बीच नई 'मिस फ़िजी' नादिन राबर्ट्स ने इंस्टाग्राम पर मिस यूनिवर्स फ़िजी को “फौरन कदम उठाने के लिए” धन्यवाद भी दिया.

JENNIFER CHAN मंशिका प्रसाद जीत के बाद दूसरे दिन जजों के साथ नाव पर सैर करने भी गई थीं फ़ैसला बदलने से जज हैरान

इस घटना से प्रतियोगिता में भाग लेने वाले लोग संतुष्ट नहीं थे, इसमें बहुत कुछ ऐसा हुआ था जो आपस में मेल नहीं खाता था.

पैनल की सात जजों में से एक मेलिसा व्हाइट के मुताबिक़, "उस रात वहां सब कुछ बहुत सुचारू तरीके से चल रहा था."

पेशे से समुद्री जीव विज्ञानी मेलिसा प्रतियोगिता के चैरिटी और पर्यावरण से जुड़े पहलुओं को देखने के लिए न्यूज़ीलैंड से आई थीं.

मेलिसा व्हाइट ने बीबीसी को बताया, "यह बहुत शानदार रात थी और शो बहुत सफल था. बहुत से लोग कह रहे थे कि उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लेने वाली लड़कियों का इतना अच्छा प्रदर्शन कभी नहीं देखा था."

शुक्रवार की रात हुई इस प्रतियोगिता के अंतिम दौर में जजों से यह लिखने के लिए कहा गया कि उनके विचार से अगली ‘मिस फ़िजी’ कौन होनी चाहिए.

अमेरिका की रहने वाली एक अन्य जज के अलावा स्टाइल और सौंदर्य विशेषज्ञ जेनिफर चान कहती हैं, "इस समय तक मंशिका प्रसाद स्पष्ट तौर पर विजेता थीं."

"यह न केवल इस बात के आधार पर था कि उसने मंच पर क्या प्रस्तुत किया, बल्कि इस पर भी कि उसने अन्य लड़कियों के साथ कैसे बातचीत की, कैसे फोटो ख़िंचवाए और कैसी मॉडलिंग की."

जेनिफर चान के मुताबिक़- उन्हें "सौ फ़ीसदी यकीन" है कि मंशिका प्रसाद फ़िजी का प्रतिनिधित्व करने के लिए सबसे मज़बूत उम्मीदवार थी.

उनके साथी जजों में से ज़्यादातर की सहमति से मंशिका को विजेता घोषित किया गया. उन्हें सात में से चार वोट मिले.

लेकिन जब नई मिस यूनिवर्स फ़िजी अपने चमकते हुए मुकुट में मुस्कुराती हुई मंच पर पहुंचीं तो जजों को महसूस हो गया कि यहाँ कुछ न कुछ गड़बड़ है.

जेनिफर का आरोप है कि मिस यूनिवर्स फ़िजी की दाहिनी तरफ उपविजेता का फ़ीता (सैश) पहने मौजूद नादिन रॉबर्ट्स गुस्से में थीं.

उनका कहना है, "मुझे याद है कि मैं सोते समय सोच रही कि कि कोई ख़ुद को जीत का इतना हक़दार कैसे समझ सकता है?

"आप कुछ जीतते हैं, कुछ हारते हैं. वह एक अनुभवी सौंदर्य प्रतियोगी है. ज़ाहिर तौर पर उसे यह पता था?"

JENNIFER CHAN नादिन रॉबर्ट्स इस प्रतियोगिता में दूसरे पायदान पर रही थीं, लेकिन बाद में उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया नाव पर सैर के दौरान जजों को हुआ संदेह

प्रतियोगिता में जीत के बाद अगले दिन मंशिका ने जजों के साथ जश्न मनाने के लिए नाव में सैर भी की.

जेनिफर चान बताती हैं, "वो बहुत हैरान थीं और कह रही थीं कि अब मेरी जिंदगी बदल जाएगी."

जेनिफर के मुताबिक़- उन्हें भरोसा हो गया था कि उन्होंने सही लड़की का चुनाव किया है. लेकिन उस वक़्त तक मंशिका की जीत की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई थी.

यही नहीं एक जज रीरी फेब्रियानी इस नाव पर नहीं आईं, जो 'लक्स प्रोजेक्ट्स' का प्रतिनिधित्व कर रही थीं.

यह वही कंपनी है जिसने फ़िजी में मिस यूनिवर्स आयोजित करने का लाइसेंस खरीदा था.

फेब्रियानी के साथ रूम शेयर करने वाली व्हाइट कहती हैं, "मुझे याद है कि मुझे यह अजीब लगा था, लेकिन उन्होंने बस इतना कहा कि उन्हें बहुत काम है और उन्हें अपने बॉस से बात करनी है."

फेब्रियानी का कहना है कि वह नाव यात्रा पर नहीं गईं, क्योंकि उन्हें आराम की ज़रूरत थी.

लेकिन मेलिसा व्हाइट का कहना है कि उन्हें पता चला कि उनकी रूम मेट को 'जेमी' नामक एक शख़्स के फोन और मैसेज आ रहे थे.

मिस यूनिवर्स करोड़ों डॉलर का व्यवसाय है जो एक फ्रेंचाइजी की तरह संचालित होता है. इसके लिए आपको एक लाइसेंस खरीदने की ज़रूरत होती है.

उसके बाद ही आप ब्रांड का इस्तेमाल कर सकते हैं और कार्यक्रम के लिए टिकट बेच सकते हैं.

यह लाइसेंस काफ़ी महंगा होता है और छोटे देशों में राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता को फंड मुहैया करने को राज़ी लोगों को ढूंढना मुश्किल होता है.

यही वजह है कि साल 1981 के बाद फ़िजी में ऐसी कई प्रतियोगिता हो रही थीं, इस साल प्रॉपर्टी डेवलप करने वाला फर्म ‘लक्स प्रोजेक्ट्स’ इसके लिए तैयार हुआ था.

Getty Images जेमी मैकइंटायर की शादी नादिन रॉबर्ट्स से साल 2022 में हुई है जिस जज का कोई ज़िक्र नहीं उसके वोट ने बदला फ़ैसला

फेब्रियानी जजों के पैनल में ‘लक्स प्रोजेक्ट्स’ की प्रतिनिधि थीं, लेकिन वो मीडिया संचार का भी काम भी देख रही थीं.

व्हाइट कहती हैं, "मेरे उनके साथ बहुत अच्छे संबंध थे, वह बहुत अच्छी इंसान लगती थीं."

"लेकिन उस दिन जब वह नाव पर नहीं आई, तो उसका व्यवहार बदल गया. वह बस यही कहती रही कि वह काम में बहुत व्यस्त है, वह बार बार इस 'जेमी' नाम के शख़्स से फोन पर बात कर रही थीं.

यह बात सामने आई कि पैनल में फेब्रियानी के होने के बावजूद, लक्स प्रोजेक्ट्स मतदान के नतीजों से खुश नहीं था.

रविवार को जारी प्रेस रिलीज़ में कहा गया कि लाइसेंसधारी के पास भी एक वोट होना चाहिए, जिसे अनुबंधित आयोजक ग्रांट ड्वायर "गिनने में विफल" रहे.

इसमें कहा गया कि लक्स प्रोजेक्ट्स ने नादिन रॉबर्ट्स के पक्ष में वोट दिया होगा, जिससे परिणाम 4-4 से बराबर हो गया.

इसके अलावा प्रेस रिलीज़ में कहा गया कि लाइसेंसधारी के पास "निर्णायक वोट" भी था, जिससे नादिन रॉबर्ट्स विजेता बन गईं.

जेनिफर चान बताती हैं, "हमें कभी भी आठवें जज के बारे में नहीं बताया गया था. यह वेबसाइट पर भी नहीं था, यह कहीं भी नहीं था. अगर आप वहाँ हैं ही नहीं तो आप किसी प्रतियोगिता में वोट कैसे कर सकते हैं?"

प्रतियोगिता की जज मेलिसा व्हाइट को भी इसमें संदेह नज़र आ रहा था.

वो कहती हैं, "मैंने थोड़ी खोजबीन की तो पता चला कि लक्स प्रोजेक्ट्स का जेमी मैकइंटायर नाम के एक ऑस्ट्रेलियाई व्यवसायी के साथ घनिष्ठ संबंध हैं."

उन्होंने बीबीसी को बताया, "जेमी मैकइंटायर की शादी नादिन रॉबर्ट्स से हुई है." उनकी शादी साल 2022 में हुई है.

साल 2016 में एक प्रॉपर्टी निवेश योजना में शामिल होने की वजह से उन्हें एक दशक के लिए ऑस्ट्रेलिया में व्यापार करने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया था. इस योजना में निवेशकों को बड़ा नुक़सान हुआ था.

सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के मुताबिक़, संसदीय समिति की सुनवाई के दौरान उनसे पूछताछ करने वाले एक सीनेटर ने बाद में उन्हें "सबसे अधिक टालमटोल करने वाला गवाह बताया” था.

जेमी मैकइंटायर के प्रतिनिधियों ने बीबीसी को बताया, " मैकइंटाय ‘एमयूएफ’ लाइसेंसधारी कंपनी के निदेशक या शेयरधारक नहीं हैं, लेकिन उन्होंने सलाहकार के तौर पर काम किया है, क्योंकि वे संबद्ध कंपनियों में शेयरधारक हैं."

हालाँकि कंपनी के इंस्टाग्राम पेज पर मैकइंटायर द्वारा संपत्ति में निवेश से जुड़े सलाह देने का एक वीडियो है.

इसके अलावा इसमें मैकइंटायर के स्वामित्व वाली बाली में मौजूद प्रॉपर्टी कंपनी का लिंक भी है.

बीबीसी को यह भी पता चला है कि रॉबर्ट्स और कार्यक्रम आयोजक ग्रांट ड्वायर के बीच फोन पर बातचीत के दौरान "जेमी" नामक शख्स फ़ोन लाइन पर था.

मैकइंटायर के प्रतिनिधियों का जोर देकर कहना है कि फ़ैसले से जुड़े विवाद में मैकइंडायर के शामिल होने का आरोप "साज़िश" है.

हालाँकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि उन्होंने "लाइसेंस धारक को सलाह दी थी".

Getty Images सौंदर्य प्रतियोगिताओं में पहले भी विवाद होते रहे हैं (सांकेतिक तस्वीर)

इसके अलावा एमयूएफ की प्रेस रिलीज़ में आरोप आरोप लगाया गया है कि ड्वायर ने मंशिका प्रसाद को उनकी नस्ल की वजह से उन्हें चुनने के लिए पैनल पर दबाव डाला था, इस दावा कमजोर हो जाता है कि ड्वायर ने रॉबर्ट्स के पक्ष में मतदान किया था.

जज चान कहती हैं, "नस्ल का मुद्दा उठाना भी घिनौनी बात है. किसी भी जज के सामने यह मुद्दा कभी नहीं उठाया गया था."

बीबीसी ने रॉबर्ट्स और सुश्री मंशिका दोनों से इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया मांगी है, लेकिन दोनों में से किसी ने कहानी लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया है.

बीबीसी को पता चला है कि प्रतियोगिता में शामिल कई लोगों को ‘लक्स प्रोजेक्ट्स’ ने ई-मेल भेजे हैं, इनमें कुछ जज और प्रतियोगी भी शामिल हैं. इसे चुप रहने के आदेश के समान माना गया है.

फिजी में हुआ यह कथित घोटाला सौंदर्य प्रतियोगिता की दुनिया में पहला मामला नहीं है. ऐसी प्रतियोगिताओं में पहले भी काफ़ी विवाद होते रहे हैं.

'हियर शी इज़: द कॉम्प्लिकेटेड रेन ऑफ़ द ब्यूटी पेजेंट इन अमेरिका' की लेखिका प्रोफेसर हिलेरी लेवी फ्रीडमैन के मुताबिक़, "प्रतियोगिताएं नाटक और विवादों से भरी होती हैं. लोग कहते हैं कि प्रतियोगिता फिक्स थी."

वो कहती हैं, "लेकिन मैं यह कहूंगी कि हाल के वर्षों में, सोशल मीडिया की वजह से ये और ज़्यादा दिखने लगे हैं."

साल 2022 में मिस अमेरिका प्रतियोगिता में मतदान में घोटाले के आरोप के अलावा ऐसी प्रतियोगिता में हाल के विवाद दुनिया के कम विकसित इलाक़ों में हुए हैं.

प्रोफेसर फ्रीडमैन के मुताबिक़ ऐसा संभवतः इसलिए है क्योंकि कई पश्चिमी देशों में यह प्रतियोगिता फायदे वाली नहीं होती है, जबकि अन्य जगहों पर यह पहले से कहीं अधिक लोकप्रिय और अधिक आकर्षक हो गई है.

प्रोफेसर फ्रीडमैन कहते हैं, "ऐतिहासिक रूप से सौंदर्य प्रतियोगिताएं महिलाओं के लिए सामाजिक गतिविधियों का एक अद्भुत साधन रही हैं."

हालांकि मंशिका प्रसाद के लिए इस विवाद का अंत सुखद रहा है.

शुक्रवार को उन्होंने अपने एक सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया कि उन्हें सचमुच मिस फ़िजी 2024 का ताज फिर से पहनाया गया है.

उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "यह कितना अविश्वसनीय सफर रहा है."

लेकिन बीबीसी को पता चला है कि मिस यूनिवर्स ऑर्गनाइजेशन फ़िजी की घटनाओं से बेहद नाखुश है और तथ्यों को जानने के बाद उसने मंशिका प्रसाद को फिर से विजेता घोषित करने के लिए कड़ी मेहनत की.

बीबीसी ने एमयूओ से इस विवाद पर प्रतिक्रिया देने का अनुरोध किया है जिसका कोई जवाब नहीं मिला है.

मंशिका के लिए यह खुशी की बात है, जबकि प्रतियोगिता के जजों के लिए राहत की बात है.

जहां तक रॉबर्ट्स की बात है, तो वह इंस्टाग्राम पर ख़ुद को “असली मिस यूनिवर्स फ़िजी 2024” कह रही हैं.

जज व्हाइट कहती हैं, "इस बात पर गर्व है कि मंशिका ने इस दौरान किस तरह से ख़ुद को संभाला है. वह एक प्रतिभाशाली, दयालु और खूबसूरत युवती हैं जिसके साथ ऐसा नहीं होना था. हम चाहते थे कि सच्चाई सामने आए और अब यह सामने आ गई है."

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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